खुटहन। अब नदी और नाले के कटाव को रोकेगा मुंगेर बास
40 गांवों में दो लाख बास के पौधे लगाने का उपायुक्त ने किया शुभारंभ
खुटहन, जौनपुर। क्षेत्र में गोमती और सेंवई नाले से प्रति वर्ष दर्जनो तटवर्ती गांवों के तमाम किसानो का कटाव में बर्बाद हो रही कृषि योग्य भूमि के बचाव के लिए मनरेगा के द्वारा एक बेहतरीन तरीका ढूढ निकाला गया है। अब नदी और नाले के तट पर मुंगेर बास खेतो के कटाव से बचाव करेंगे। जिसका शुभारंभ सोमवार को उपायुक्त मनरेगा भूपेंद्र कुमार सिंह ने शेरपुर गांव स्थित सेंवई नाले के तट पर बांस का पौधा लगाकर किया। श्री सिंह ने कहा कि पूरे जिले में पहला विकास खंड खुटहन है जहाँ बांस की खेती की शुरुआत कराई गई है। नदी और नाले के तटवर्ती 40 गावों में दो लाख बांस के पौधे तीन दिनों के भीतर लगाये जाने हैं। बांस की खेती आम के आम गुठुलियों के दाम को चरितार्थ करेगी। इसकी जड़े घनी और दूर तक फैलती है। जिससे मिट्टी का कटाव रूकता है। वहीं दूसरी तरफ इससे दो साल के भीतर अच्छा मुनाफा आना शुरू हो जाता है। इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए दो सौ व्यक्तिगत लाभार्थी चयनित करते हुए बांस की खेती की कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बास की खेती कर निष्प्रयोज्य पड़ी जमीन से भी बेहतर लाभ कमाया जा सकता है। डीसी मनरेगा ने कहा कि प्लास्टिक की झिल्ली,ग्लाश,पत्तल आदि बंद हो जाने से बास की उपयोगिता बहुत बढ़ गयी है। बास की लकड़ी से पेपर, पत्तल, प्लेट आदि बनाए जाते है। यह कम समय में अधिक विकास करता है। मुंगेर प्रजाति का बास 25 से 30 फिट तक ऊंचा होता है। दो ढाई साल में यह पूरे आकार में आ जाता है। आज के परिवेश में धरिकार और बढ़ई सौ डेढ़ सौ रूपये तक बास खरीद रहे है। इसकी खेती जब हम ब्यावसायिक तरीके से करेंगे तो मील फैक्टरी वाले खुद संपर्क कर और मंहगे कीमत पर इसे खरीदेगे। इस मौके पर बीडीओ बीरभानु सिंह, प्रभारी एडीओ पंचायत अखिलेश वर्मा, तकनीक सहायक अजय सिन्हा,, अखिलेश चतुर्वेदी , अभिषेक सिंह , सचिव, संजीव गुप्ता, स्वदेश , सुभाष यादव प्रधान, मनरेगा अकांटेंट राहुल मिश्रा, आदि मौजूद रहे।
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