औरैया // उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण समेत यूपी एनआरआई वेबसाइट पर दिबियापुर क्षेत्र में प्रस्तावित प्लास्टिक सिटी में उद्योग लगाने के लिए देश के बड़े उद्योगपतियों से लेकर अनिवासी भारतीयों को आकर्षित किया जा रहा है वेबसाइटों पर धरातलीय कार्य पूरे होने का जोर-शोर से प्रचार प्रसार हो रहा है, लेकिन अभी तक धरातल पर अधिकतर काम अधूरे पड़े हैं दस वर्ष गुजरने के बावजूद प्लास्टिक सिटी को विकसित करने का सपना अधूरा है वर्ष 2012 में दिबियापुर के पांच गांवों की 314 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। 285 एकड़ के 286 भूखंडों में प्लास्टिक (खिलौना, कुर्सी, प्लास्टिक पाइप आदि) से जुड़े उद्योगों की स्थापना होनी है। जबकि 89 एकड़ के 622 भूखंडों में आवासीय भवन बनना प्रस्तावित है। उद्योग लगाने के लिए कई छोटे बड़े उद्योगपतियों ने आवेदन किए। कई उद्योगपतियों ने भूखंड आवंटन के पश्चात उन पर कब्जा भी ले लिया, परंतु धरातल पर काफी कमियों के कारण अभी तक उद्योगपतियों ने संयंत्रों की स्थापना करने में कोई रुचि नहीं ली इसी बीच यूपी एनआरआई वेबसाइट के जरिए विदेश में बसे अनिवासी भारतीयों को भी प्लास्टिक सिटी में उद्योग लगाने के लिए आकर्षित किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है वेबसाइट पर प्लास्टिक सिटी के बारे में जानकारी दी गई है कि गेल, एनटीपीसी, सीआईपीईटी (सीपेट), एमएसएमई डीआई और वित्तीय संस्थानों एचयूडीसीओ, एसआईडीबीआई और नाबार्ड के साथ समन्वय में एकीकृत प्लास्टिक पार्क की स्थापना की जा रही है। वेबसाइट में बताया गया है कि परियोजना की अनुमानित लागत लगभग ढाई अरब रुपये है औद्योगिक, आवासीय टाउनशिप, बाजार, बैंक, आतिथ्य, स्कूल, छात्रावास और पार्क प्रस्तावित है। कौशल विकास केंद्र, टूल रूम, ट्रीटमेंट प्लांट, वेयर हाउस जैसी सुविधाएं भी प्रस्तावित हैं। वर्तमान स्थिति के बारे में बताया गया है कि मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़कें, बिजली वितरण लाइनें, पानी ओवरहेड टैंक विकसित किए गए हैं प्लास्टिक के कच्चे माल की आपूर्ति के लिए गेल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है औद्योगिक भूखंड के आवंटन की प्रक्रिया चल रही है जबकि क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि प्लास्टिक सिटी में सड़कों की हालत बहुत खस्ता है यहां सिर्फ पुलिस चौकी की स्थापना हुई है वहीं, यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने दावा किया है कि प्लास्टिक सिटी में 90 फीसदी धरातलीय कार्य पूरा हो चुका है अगस्त माह में आवासीय प्लाटों पर कब्जा देने की तैयारी है जल्द ही प्लास्टिक इकाइयां लगाने के लिए उद्यमियों से आवेदन मांगे जाएंगे रोजगार एवं व्यापार की असीम संभावनाएं दिबियापुर के इलेक्ट्रानिक्स व्यवसायी नवीन गणेश पोरवाल का कहना है कि दिबियापुर को औद्योगिक नगरी का दर्जा मिला है प्लास्टिक सिटी में उद्योगों की स्थापना के बाद जिले में रोजगार एवं व्यापार की असीम संभावनाएं हैं औरैया जिले में 90 के दशक से गेल पाता संयंत्र की स्थापना के बाद कोई संयंत्र स्थापित नहीं हुआ है इससे जिला औद्योगिक शून्यता की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश और केंद्र सरकार को प्लास्टिक सिटी स्थापना के लिए तेजी से काम करना चाहिए स्टार्ट अप शुरू कर युवा पा सकेंगे तरक्की युवा सराफा व्यवसायी गोविंदा सोनी का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकारें नए भारत की संकल्पना को साकार करने में लगी हैं प्लास्टिक सिटी में उद्योगों की स्थापना से जिले के युवा नया स्टार्टअप शुरू कर सकेंगे। इसके साथ ही जिले के हजारों प्रशिक्षित युवा प्लास्टिक सिटी में लगने वाले उद्योगों में रोजगार पा सकेंगे अभी विभिन्न प्रशिक्षण ले चुके युवाओं को अन्य जिलों में भटकना पड़ता है।

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