जौनपुर। स्वयंसेवक संघ द्वारा रक्षाबंधन उत्सव व तिरंगा वितरण किया गया
जौनपुर। नगर के महाराणा प्रताप व्यायामशाला, टी डी कॉलेज,जौनपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में रक्षाबंधन उत्सव कार्यक्रम व राष्ट्रीय ध्वज वितरण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रामाशीष, क्षेत्र संयोजक, पूर्वी उत्तर प्रदेश, विहार, झारखंड, प्रज्ञा प्रवाह ने उपस्थित स्वंय सेवक बन्धुओं को संबोधित करते हुए बताया कि काशी में संतो की बहुत बड़ी श्रृंखला रही है उसी में महान संत रविदास जी हैं और आज जो इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामजतन जी हैं। इसी श्रेणी के संत माने जाएंगे क्योंकि मोची का कार्य करते हुए संघ की दृष्टि के अनुरूप उन्नत और स्वावलंबी बनने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रक्षाबंधन उत्सव बहुत वर्षों से मना रहा है देश में हिंदू उत्सव, त्योहारों को लेकर एक अलग तरह का नैरेटिव विकृतियां चल रही हैं या दिखाई देती है संघ ऐसे ही विकृतियों को दूर करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर अस्पृश्यता का दंश झेल रहा है समाज यह भारत की संस्कृति नहीं है,भारत की संस्कृति कहती है संपूर्ण चराचर के अंदर एक ही ईश्वर है। भारत की संस्कृति ऋषियों ,मनीषियों, डॉक्टर हेडगेवार की संस्कृति है। भारत की संस्कृति कमपोजिट संस्कृत नहीं है यहां हिंदू जाति के लोग एक ही वर्ण के माने जाएंगे समाज के अंदर समरसता आनी चाहिए। हमारी पहचान हिंदुत्व की है सभी हिंदू एक विशाल वट वृक्ष की तरह हैं सभी एक-एक टहनी पर बैठकर समरसता का संदेश देते हैं। रामाशीष ने कहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दो उद्देश्य से रक्षाबंधन बनाता है एक देश में लोग जब एक दूसरे को रक्षा सूत्र में बांधते हैं तो एक संदेश देता है कि आपको धर्म से डिगने ना दे और माता और बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं , दूसरा देश की रक्षा होनी है देश की रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं है और इससे बढ़कर कोई संकल्प नहीं हो सकता है। आज देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर 15 अगस्त को स्वाधीनता का उत्सव मनाए लेकिन 14 अगस्त को देश के विभाजन की विभीषिका का भी स्मरण करेंगे और 15 अगस्त को संकल्प लेंगे राष्ट्र की सुरक्षा का। उन्होंने विभाजन के समय वेद प्रकाश तनेजा का उद्धरण देते हुए उस विभीषिका को याद किया। इसी क्रम में प्रत्येक व्यक्ति के अंदर देश प्रेम की भावना जागृत करना है इसी उद्देश्य से हर घर तिरंगा लगाना है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चाहता है कि हर घर में भगवा ध्वज होने चाहिए इससे हमारी संस्कृति और संस्कारों की रक्षा होती है। राम आशीष ने उपस्थित स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि भगवा ध्वज को रक्षा सूत्र बांधकर संकल्प लेंगे। इससे हमारी संस्कृति परंपराओं की रक्षा होती है भारत अजय है। रक्षाबंधन का संदेश है हमारा समाज हमारा बंधु है, यह सभी परंपराओं की स्वीकृति देता है यह स्नेह का, प्रेम का, और राष्ट्रीय रक्षा का बंधन है। हमारा पूरा का पूरा समाज एक रक्षा सूत्र से बंधा है हमें स्नेह की बदरी बनकर समाज के अंदर बरसना है और समाज की विकृतियां समाप्त कर एक दूसरे की रक्षा करते हुए देश की रक्षा का संकल्प लेंगे और अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामजतन ने कहा कि आज हमें इतनी इतनी खुशी मिल रही है कि मैं व्यक्त नहीं कर सकता हूं जीवन में आज तक लोगों के चरणों की रक्षा करता आया हूं और मां भारती मुझे इतनी शक्ति और सामर्थ्य दे कि मैं देश की रक्षा कर सकूं। इस मौके पर स्वयंसेवक बन्धुओं राष्ट्रीय ध्वज को वितरण किया गया। कार्यक्रम में जिला संघचालक डॉ सुभाष सिंह, नगर संघचालक धर्मवीर व अन्य स्वंय सेवक बंधुओं की गरिमामय उपस्थिति रही।
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