मथुरा ।। वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में हुए हादसे की जांच शुरू हो चुकी है। बुधवार को जांच समिति के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह फिर वृंदावन पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम तीन बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं। पहला ऐसा क्यों हुआ, हादसे के दोषी कौन हैं और ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो। पूर्व डीजीपी ने हादसे को लेकर मंदिर के सेवायतों और जिले के अधिकारियों से जानकारी की। इस दौरान उनके साथ डीएम और एसएसपी भी मौजूद रहे।जन्माष्टमी पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। करीब 70 लोग घायल हो गए थे, जिनमें सात श्रद्धालुओं की हालत गंभीर होने पर अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा गठित की गई जांच टीम के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने जांच शुरू कर दी है। वह बुधवार को अधिकारियों के साथ वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे और जानकारी जुटाई। इससे पूर्व जांच समिति के अध्यक्ष मंगलवार को गोपनीय तरीके से बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने दुकानदारों व अन्य लोगों से भी घटना के बारे में जानकारी की। सनेह बिहारी मंदिर से लेकर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के गेट नंबर पांच और चार तक निरीक्षण किया। पूर्व डीजीपी का निरीक्षण इतना गोपनीय रहा कि न पुलिस के अधिकारियों को उनके आने की भनक लगी और न मंदिर प्रबंधन ही उन्हें पहचान सका। जांच करने के बाद गाड़ी में बैठे और चले गए।
जांच शुरू होते ही अफसरों की बढ़ीं धड़कनें
जांच के बाद रिपोर्ट शासन और मुख्यमंत्री को जाएगी, यह भविष्य के गर्भ में है, लेकिन शुरू हुई जांच से प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की धड़कने बढ़ा दीं हैं। अधिकारियों को आभास है कि जांच के दौरान सारी स्थितियां निकलकर सामने आ जाएंगी। मंगला आरती के दौरान कौन कहां था और अपनी ड्यूटी सही प्रकार निभा रहा था या नहीं इसकी भी जांच होगी। मोबाइल से वीडियो बनाए जाने की भी जांच होने पर अधिकारियों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
राजकुमार गुप्ता
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