गंगा के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला मंगलवार को रुक गया। प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर कम होने से गंगा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि गंगा के तटवर्ती इलाकों के कई गांव अब भी पानी से घिरे हुए हैं। सोमवार को गंगा का जलस्तर खतरे का निशान पार करने के बाद मंगलवार को सुबह आठ बजे तक 78.11 मीटर पर पहुंच गया। सुबह आठ बजे के बाद जलस्तर में पहले 0.5 सेंटीमीटर की गति से कमी आनी शुरू हो गई। इसके बाद जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कमी आने लगी।
शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर घटकर 78.02 मीटर पहुंच गया। तेज बहाव के साथ कम हो रहे पानी से तटवर्ती गांवों में बसे लोगों की चिंताएं कुछ कम हुईं हैं। वर्ष 2021 में गंगा का जलस्तर 78.40 मीटर पर पहुंच गया था। इस बार 78.11 मीटर पर पहुंचकर जलस्तर में कमी आने से फिलहाल लोग राहत में हैं। उधर, बाढ़ के चलते विकास खंड छानबे, कोन, मझवां, सीटी, पहाड़ी, सीखड़, नरायनपुर के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का संकट बना हुआ है। सड़कें डूब जाने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। जहां लोगों के लिए अब भी नाव ही सहारा है। छानबे क्षेत्र में कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। बबुरा, जोपा, अकोढ़ी, श्रीनिवास धाम स्थित बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारी बाढ़ पर नजर रखे हुए हैं। बाढ़ से चेहरा, बजटा, काशीसरपत्ती, देवरी, मुतलिके गौरा, गोगांव, खैरा, मिश्रपुर, अकोढ़ी, बबुरा, बिरोही, अरंगी सरपत्ती, भटेवरा, कठवइया, बलापुर, कोठरा मिश्रान, डंगहर व गौरा सहित अन्य गांवों में फसलें पानी में डूब गई हैं। विकास खंड कोन के हरसिंहपुर, मझिगंवा, हरसिंहपुर, मल्लेपुर, तिलठी, मिश्रधाप, अनिरुद्धपुर पूरब पट्टी, अनिरुद्धपुर पश्चिम पट्टी में खेतों में पानी भर गया है। सीखड़ विकास खंड के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी पहुंचने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। फूलहा, नयापुरा, हासीपुर, धनैता, रामगढ़, बिदापुर, प्रेमापुर, सोनबरसा, खानपुर, मिसिर पुरा, विट्ठलपुर, लालपुर, गोरैया, भुवालपुर, सीखड़, मेड़िया, धनुपुर, पिपराही, मगरहा, अदलपुरा, बसारतपुर, कठेरवा व मुंदीपुर आदि गांवों में पानी में फसलें डूब जाने से किसान चिंतित हैं।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know