जौनपुर। किला से सिपाह तक की सड़क बारिश के चलते दल दल में तब्दील
जौनपुर। अमृत योजना के तहत लम्बे समय तक की गई खोदाई से जहां नगर के लोगों को घोर मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं खानापूर्ति के नाम पर गढढों को महज मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया। इसका परिणाम यह सामने आया है कि बरसात होने के बाद अनेक स्थानों पर दल दल और गढ़ढे बन गए हैं। वाहन फंस जा रहे हैं और लोगों के कपड़े खराब हो रहे है। शाही किला से लेकर सिपाह तक की सड़क की खुदाई आठ माह तक कराई गई। अत्यन्त धीमी गति से काम कराए जाने से इस दौरान दुकानदार परेशान हो रहे हैं। ग्राहक नहीं पहुंचने से वे बैठे रहते थे। रास्ता कई बार महीनों बन्द कर दिया। इधर गली से उधर घूम कर लोग अपने घरों एवं अन्य स्थानों पर किसी तरह से जाते।इस समस्या को लेकर नागरिकों व दुकानदारों ने जिले के मंत्री और मुख्यमंत्री तथा जिला प्रशासन से शिकायत किया। लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ नहीं किया। दुकानदारों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या पैदा हुई लेकिन उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की आवाज साबित हुई। इस समस्या से प्रदेश सरकार से लेकर जिला पप्रशासन की खुलकर आलोचना हुई। इस खुदाई के कारण हर साल निकलने वाली ऐतिहासिक रथ यात्रा नहीं निकल सकी। भगवान की प्रतिमा को भक्त उठाकर यात्रा को संपन्न कराये जबकि जिला प्रशासन द्वारा कार्यदायी संस्था को अल्टीमेटम दिया गया था कि रथ यात्रा के दिन के पहले काम पूरा कर लिया जाए, लेकिन संस्था ने काम पूरा नहीें कराया। अब हालत है कि बरसात हुई है तो मिटटी डालकर बन्द किए गए किला रोड़ के गढढे दल दल बनकर धंस गए हैं वाहन फंस रहे है और आवागमन प्रभावित है। गढढों को बन्द करने में मानकों का उल्लंघन किये जाने और इससे हो रही समस्या को समाधान कराने के लिए न तो जनप्रतिनिधि सामने आ रहे हैं न जिला प्रशासन पहल कर रहा है। मोहल्ले वाले सरकार को कोस रहे है दुकानदार प्रशासन को दोषी ठहरा रहे हैं।
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