जौनपुर। शिव और रूद्र एक दूसरे के पर्यायवाची
जौनपुर। श्रावण मास की एकादशी के विशेष अवसर पर पंडित बांके महाराज जी ज्योतिष संस्थान द्वारा आयोजित 31081 पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक का आयोजन रविवार को बड़े हनुमान जी मंदिर में संपन्न हुआ। आचार्य डॉक्टर रजनी कांत के निर्देशन में पूजन के प्रारंभ में सर्वप्रथम शिवलिंग की प्रतिष्ठा कर बाहर से आए विद्वानों द्वारा उसका विधिवत शिवलिंग पूजन किया गया। काशी, अयोध्या, प्रयाग, आजमगढ़ से पधारे वैदिक विद्वानों के द्वारा एकादशी विधि से महा रुद्राभिषेक संपन्न कराया गया। रुद्राभिषेक के पश्चात पुनः पार्थिव शिवलिंग का विधि विधान से पूजन कर महाआरती का कार्यक्रम संपन्न कराया गया। उपस्थित यजमानो को आचार्य रजनीकांत द्विवेदी ने रुद्राभिषेक की विशेषता को बताते हुए कहा कि रुद्र का अभिषेक करना यानी कि शिवलिंग पर रूद्र मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना जो कि हमारे चारों वेदों में वर्णित है। शिव और रूद्र परस्पर एक दूसरे के पर्यायवाची हैं, शिव को ही रूद्र कहा जाता है। हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दुखों का कारण है। रुद्राभिषेक करना भगवान शिव की आराधना का सर्वश्रेष्ठ तरीका माना गया है। श्रावण मास में शिव जी का अभिषेक करना परम कल्याणकारी माना गया है, खासतौर पर श्रावण मास में पार्थिव शिवलिंग की पूजन का विशेष महत्व है। कलयुग में पार्थिव शिवलिंग पूजन करने वाले भक्तों पर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है तथा कलयुग में उसको यश वैभव के साथ साथ मृत्यु उपरांत जीवन मरण के चक्र से भी मुक्ति की प्राप्ति होती है। कार्यक्रम में प्रमुख यजमान के रूप में प्रोफ़ेसर बी०बी० तिवारी भास्कर पाठक, बीना मणि त्रिपाठी, डॉक्टर शिव प्रकाश तिवारी आदि उपस्थित रहे।
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