जौनपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी में वित्तीय अनियमिता में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। डूडा के सीएलटीसी (सिटी लेबल टेक्निकल सेल) में तैनात जेई को बर्खास्त कर दिया गया है। डीएम की संस्तुति पर अपर निदेशक राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) लखनऊ ने यह कार्रवाई की है।
सूडा लखनऊ ने आउटसोर्स कर्मचारी यशवीर सिंह को 2018 में सीएलटीसी में जेई के पद पर नियुक्त किया था। आरोप है कि यशवीर सिंह ने कंसल्टेंट एमआईएस (सलाहकार) आमिर खान से मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के 20 लाभार्थियों को गलत तरीक से लाभ पहुंचाया।शिकायत मिलने के बाद हुई मामले की जांच के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर यशवीर सिंह एवं तत्कालीन एमआईएस आमिर खान के खिलाफ थाना लाइन बाजार में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। साथ ही जिलाधिकारी ने दोनों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही के लिए निदेशक सूडा लखनऊ को संस्तुति कर दी। गुरुवार को परियोजना अधिकारी डूडा अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि अपर निदेशक राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) लखनऊ ने जेई यशवीर सिंह को बर्खास्त कर दिया है।
क्या है मामला
परियोजना अधिकारी डूडा अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि यशवीर सिंह ने मिलीभगत से 7 लाभार्थियों को खाते में प्रथम किस्त की धनराशि पचास-पचास हजार और 5 लाभार्थियों के खाते में द्वितीय किस्त की धनराशि डेढ़-डेढ़ लाख रुपया दोबारा भेज दियावहीं 12 व्यक्तियों को जिनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के डीपीआर में नहीं था उनको भी प्रथम एवं द्वितीय किस्त की धनराशि दे दी। इसके अलावा तीन लाभार्थियों के प्रथम किस्त की धनराशि दूसरे व्यक्ति के खाते में अवमुक्त कर दिया गया।
इस मामले में मुख्य राजस्व अधिकारी ने सीएलटीसी एवं एमआईएस को नौकरी से निकालने एवं नोटिस देकर धनराशि की वसूली करवाने तथा जिलाधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराये जाने का आदेश दिया। मुख्य राजस्व अधिकारी ने यशवीर सिंह को नोटिस दी गई, इसके बाद भी वसूली कार्य के प्रति उदासीन रहे।
डीएम के आदेश पर यशवीर सिंह एवं तत्कालीन एमआईएस आमिर खान के विरूद्ध थाना लाइन बाजार में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई और आवश्यक कार्यवाही हेतु निदेशक सूडा लखनऊ को सूचित किया गया। जिस पर सूडा मुख्यालय ने तत्काल प्रभाव से यशवीर सिंह की सेवा समाप्त कर नौकरी से बाहर कर दिया। परियोजना अधिकारी डूडा अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि यशवीर सिंह स्थानीय है। इस कारण जेई एवं सर्वेयरों को अपने आवास पर बुलाकर धमका कर धन वसूल करता था।
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