भाषा विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन
लखनऊ: 19 जुलाई, 2022
आज ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर जसप्रीत सिंह, फाउंडर आई पी कवाड उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय कुलपति प्रो एन बी सिंह के स्वागत भाषण से हुआ जिसमें उन्होंने सभी उपस्थित शिक्षकों एवं शोधार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में डायवर्सिफाई करने का सुझाव दिया। उन्होंने विशेष रूप से इस कार्यशाला का लाभ उठाते हुए सभी शिक्षकों एवं शोधार्थियों से पेटेंट के क्षेत्र में आगे बढ़ने की बात कही ।
श्री जसप्रीत सिंह ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की मूलभूत बातों का परिचय देते हुए, इससे एकेडमिक स्कोर पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों को समझाया। साथ ही उन्होंने नैक से जुड़ी प्रक्रियाओं में आई पी आर के महत्व की भी जानकारी दी। उन्होंने कॉपीराइट तथा पेटेंट से जुड़े विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिये और उससे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया को भी समझाया। उन्होंने बताया कि पेटेंट उतना जटिल मुद्दा नहीं है जितना इसको समझा जाता है। उन्होंने बेहद ही आसान भाषा में पेटेंट करवाने तथा कॉपीराइट प्राप्त करने के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में शिक्षकों तथा शोधार्थियों के विभिन्न विचारों पर विशेषज्ञों द्वारा उनको पेटेंट में बदलने के लिए आवश्यक चरणों के विषय में बताया गया।
कार्यक्रम का संचालन फ़ारसी विभाग के सहायक आचार्य डॉ जावेद अख्तर ने किया। कार्यक्रम की समन्वयक श्रीमती प्रियंका सूर्यवंशी रही। कार्यक्रम में कंपनी आई पी कवाड के सह संस्थापक श्री पीयूष यादव, प्रो मसूद आलम, प्रो सैयद हैदर अली, प्रो चंदना डे, प्रो एहतेशाम अहमद, प्रो सौबान सईद एवं अन्य शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
लखनऊ: 19 जुलाई, 2022
आज ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर जसप्रीत सिंह, फाउंडर आई पी कवाड उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय कुलपति प्रो एन बी सिंह के स्वागत भाषण से हुआ जिसमें उन्होंने सभी उपस्थित शिक्षकों एवं शोधार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में डायवर्सिफाई करने का सुझाव दिया। उन्होंने विशेष रूप से इस कार्यशाला का लाभ उठाते हुए सभी शिक्षकों एवं शोधार्थियों से पेटेंट के क्षेत्र में आगे बढ़ने की बात कही ।
श्री जसप्रीत सिंह ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की मूलभूत बातों का परिचय देते हुए, इससे एकेडमिक स्कोर पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों को समझाया। साथ ही उन्होंने नैक से जुड़ी प्रक्रियाओं में आई पी आर के महत्व की भी जानकारी दी। उन्होंने कॉपीराइट तथा पेटेंट से जुड़े विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिये और उससे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया को भी समझाया। उन्होंने बताया कि पेटेंट उतना जटिल मुद्दा नहीं है जितना इसको समझा जाता है। उन्होंने बेहद ही आसान भाषा में पेटेंट करवाने तथा कॉपीराइट प्राप्त करने के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में शिक्षकों तथा शोधार्थियों के विभिन्न विचारों पर विशेषज्ञों द्वारा उनको पेटेंट में बदलने के लिए आवश्यक चरणों के विषय में बताया गया।
कार्यक्रम का संचालन फ़ारसी विभाग के सहायक आचार्य डॉ जावेद अख्तर ने किया। कार्यक्रम की समन्वयक श्रीमती प्रियंका सूर्यवंशी रही। कार्यक्रम में कंपनी आई पी कवाड के सह संस्थापक श्री पीयूष यादव, प्रो मसूद आलम, प्रो सैयद हैदर अली, प्रो चंदना डे, प्रो एहतेशाम अहमद, प्रो सौबान सईद एवं अन्य शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know