कछौना सीएचसी का हाल: यहां डाक्टर नहीं, ताले करते हैं इलाज 

सरकार की सोंच पर लापरवाह कर रहें हैं चोट
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इलाज तो है मुफ्त, दौड़-भाग बना रही है सुस्त
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हरदोई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय किया है कि उनके रहते किसी को कोई तकलीफ़ न पहुंचे, लेकिन उनकी सरकार के कारिंदे ही उनकी इस सोंच पर चोट पहुंचा रहें हैं। बात सीएचसी कछौना की हो रही है। जहां मुफ्त इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज़ दौड़ते-दौड़ते सुस्त पड़ रहें हैं। ज़ाहिर बात है कि जब वहां ताला लटकता होगा,तो इलाज कैसे होगा ?
कछौना जोकि बालामऊ विधानसभा का एक मज़बूत हिस्सा है। यहां जो एमएलए है, वह मंत्री भी रह चुके हैं। दूसरे एमएलसी चुने गए हैं। इन दोनों के रहते हुए सीएचसी कछौना का कोई पुरसाहाल नहीं है। बात सोमवार की है, टीबी का मरीज़ वहां जांच कराने पहुंचता है, सीएचसी की पैथालॉजी में ताला लटकता देख उसकी तकलीफ़ और बढ़ गई। करीब साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वह किसी तरह वहां पहुंचा, उसे मुफ्त का इलाज तो नहीं मिला,बल्कि दौड़ लगा कर वह सुस्त ज़रूर पड़ गया। इसी बीच वहां पर कुछ लोग ऐसे पहुंचें, जिन्हे कोविड स्क्रीनिंग बूथ पर जांच करानी थी। लेकिन वहां भी सन्नाटा देखा गया। इस बारे में बताया गया है कि सरकारी अस्पतालों का वक्त सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहता है, लेकिन जब सुबह साढ़े 9 बजे तक वहां ताला लटकता रहेगा तो सरकारी इलाज पर सवालिया निशान उठना लाज़िम है।
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बदली हुई,पर नही बदला रवैया
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हरदोई अभी पिछले दिनों सीएचसी कछौना में तैनात कुछ लोगों को इधर से उधर किया गया। यहां जो भेजे गए वे आस-पास के ही रहने वाले है। लेकिन फिर भी उनकी लेट-लतीफी के किस्से आम हो रहें हैं। कुछ लोगों ने बताया कि उनके देर से और जल्दी जाने की वजह से दूर-दराज़ से आने वाले मरीज़ो का इलाज होना मुमकिन नहीं हो रहा है।

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