जौनपुर। जीएसटी  वास्तविक रूप में गब्बर सिंह टैक्स है - इंदु सिंह


जौनपुर। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न उत्पादों पर जीएसटी लगाना देश की चरमराती अर्थव्यस्था को बद से बदतर बनाने की दिशा में ये कदम है। देश की 90% जनता व्यापारी छात्र,अधिवक्ता,किसान, मज़दूर,जनप्रतिनिधि या समाज का कोई भी तबका हो सब बुरी तरह प्रभावित होंगे। प्री पैकेजिंग अनब्रांडेड सामानों पर दूध,दही, आटा,चावल,छाछ आदि पर 5% जीएसटी लगाए जाने से जहां निम्न और मध्यमवर्गीय जनता की थाली को खाली कर दिया है वहीं छोटे व कुटीर उद्योगों को समाप्त करने की दिशा में ये कदम है। प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों के साथ जनपद के लाखों व्यापारी इसका कड़ा विरोध करेंगे। उक्त बातें व्यापार मंडल के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष इंद्रभान सिंह इंदू ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है। इंदु सिंह ने आगे कहा कि पेंसिल,शर्पनार पेपर और शिक्षा से संबंधित उत्पादों पर टैक्स लगाने से एक बड़ा तबका शिक्षा से दूर हो सकता है, बच्चों और अभिभावकों में मंहगाई से शिक्षा के प्रति रुचि घट जाएगी। एक हजार रूपए वाले होटल के कमरों पर 12 परसेंट टैक्स लगाकर आम जनता के जनजीवन को प्रभावित करेंगे गरीब मध्यमवर्गीय एवं हर वर्ग के लोग केंद्र सरकार के इस फैसले से बुरी तरह प्रभावित ऐसे में व्यापार मंडल केंद्र सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करता है और प्रदेश के करोड़ों व्यापारी साथ ही साथ जनपद के भी लाखों व्यापारी केंद्र सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध करेंगे। इंदू सिंह ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न सामानों पर जीएसटी लगाकर पूंजीवाद का परिचय दिया है यह सरकार चंद उद्योगपतियों की सरकार है आम जनता से इस सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। जनपद के लाखों व्यापारियों की तरफ से व्यापार मंडल केंद्र सरकार से मांग करता है कि बड़े हुए टैक्सों को अविलंब वापस लिया जाए।

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