गर्मी का कहर शुक्रवार को भी चरम पर रहा। हीट स्ट्रोक और डायरिया की चपेट में आने से दो बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई जबकि नौ की किडनी फेल होने पर भर्ती कराया गया। पहली बार गर्मी में गैस्ट्रो मरीजों की इतनी भीड़ हैलट और उर्सला अस्पताल पहुंची कि अलग से वार्ड का इंतजाम करना पड़ा। हैलट इमरजेंसी में रात से मरीजों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। दोपहर तक 176 मरीज इमरजेंसी में रिपोर्ट होने के बाद वार्ड एक में शिफ्ट शुक्रवार को डायरिया और निमोनिया से रावतपुर की रजनी (11) तो डायरिया और निमोनिया से हैलट इमरजेंसी में बिनगवां के मासूम हिमांशु कुमार (8) की मौत हो गई। हीट स्ट्रोक और हार्ट अटैक से नौबस्ता के राधेलाल (67) और बिल्हौर के एस दयाल (72) की मौत कॉर्डियोलॉजी में हुई जबकि डिहाइड्रेशन के बाद किडनी फेल होने से अर्पिता देवी (47) की मौत स्वरूप नगर के नर्सिंग होम में हुई।

15 घंटे में किडनी फेल्योर के नौ मरीज भर्ती किए गए। हैलट के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. युवराज गुलाटी के मुताबिक गर्मी में जरा सा असंतुलन किडनी को प्रभावित कर रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य प्रो.रिचा गिरि ने बताया कि मरीजों की लगातार भीड़ को देखते हुए इमरजेंसी में अलग इंतजाम किए गए हैं। एसआर-जेआर की भी अतिरिक्त ड्यूटी लगा दी गई है। 

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