डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अभिविन्यास कार्यक्रम का हुआ आयोजन

पुनर्वास विश्वविद्यालय का लाभ अधिक से अधिक दिव्यांगजनों तथा सामान्यजनों को मिले

प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री का संकल्प है कि देश के प्रत्येक दिव्यांगजन के जीवन में उजाला एवं खुशहाली हो

अधिक से अधिक दिव्यांगजनों का पंजीकरण कराकर उनका प्लेसमेंट करवाने पर भी जोर दिया जाये
-राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप
लखनऊ: 14 जून 2022
 
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में एक दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम (व्तपमदजंजपवद च्तवहतंउ) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री नरेंद्र कश्यप एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया।
इस अवसर पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री की इच्छा है कि डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय का लाभ अधिक से अधिक दिव्यांगजनों तथा सामान्यजनों को मिले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब लखनऊ आए थे, प्रदेश के सभी मंत्रियों के साथ बैठक की थी। तब उन्होंने कहा था कि दिव्यांगजनों की सेवा करना हमारा सपना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री का संकल्प है कि देश के प्रत्येक दिव्यांगजन के जीवन में उजाला एवं खुशहाली आए। प्रत्येक दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपने आप को स्वाभिमानी समर्थवान समझे। इसके लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार पहले भी तत्पर थी आज भी तत्पर है। उन्होंने मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन हेतु विश्वविद्यालय को सतत तत्पर रहने के लिए कहा ताकि प्रदेश के सर्वांगीण विकास में दिव्यांगजनों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय का निर्माण एवं संचालन जिस लक्ष्य की पूर्ति के लिए हुआ है उसका लाभ दिव्यांग बच्चों को मिल सके, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा की डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय देश के सबसे सफल विश्वविद्यालयों में से एक है और यह दिव्यांगजनों के बौद्धिक विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहा है उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को इस विश्वविद्यालय का लाभ मिल सके इसके लिए अधिक से अधिक दिव्यांगजनों का पंजीकरण कराकर उन्हें विश्वविद्यालय से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययन वाले दिव्यांगजनों के भविष्य के लिए उनका प्लेसमेंट भी अधिक से अधिक करवाने पर जोर देना चाहिए, जिससे कि उन्हें पढ़ने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर से हर संभव सहायता दिव्यांगजनों को प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर क्षेत्र में योजना तैयार कर विकास का कार्य कर रही हैं, जिससे कि उत्तर प्रदेश, देश में हर क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश बन सकें।
उल्लेखनीय है कि एक दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में उच्च शिक्षा दिव्यांगजनों के समग्र नामांकन अनुपात (ळम्त्) को बढ़ाए जाने पर बल दिया गया है। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित दिव्यांगजनों के सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों, विशेष शिक्षा में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं संस्थानों क्षेत्रीय पुनर्वास केंद्रों (ब्त्ब्े), राष्ट्रीय संस्थानों के आदर्श विद्यालयों, विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयों से कुल 150 प्रतिनिधियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें वे दिव्यांगजनों के उच्च शिक्षा में समग्र नामांकन अनुपात को बढ़ाए जाने पर समवेत रूप से कार्य किए जाने पर बल दिया जा सके और इस हेतु अपने अनुभवों से समस्त विशेषज्ञ/प्रतिभागीगणों को लाभान्वित कर सकें।
  कार्यक्रम में विशेष सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण अजीत कुमार, कुलसचिव अमित कुमार सिंह, कुलानुशासक प्रो.वी.के. सिंह मंच पर उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय प्राक्टोरियल टीम, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं प्रदेश से आये प्रतिभागी एवं छात्रों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डा. विजय शंकर शर्मा द्वारा एवं साइन लंग्वेज इंटरप्रेटर नेहा महरोत्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन कुलानुशासक प्रो.वी.के. सिंह द्वारा किया गया।

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