खराब नलकूपों के कारण न केवल गन्ने व सब्जियों की फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है बल्कि घुमंतू व पालतू मवेशियों को पेयजल भी नसीब नहीं हो पा रहा है। विकास खंड में मौजूद 23 नलकूपों में से आधे नलकूप नाली व गूला दोष के कारण संचालित नहीं हो पा रहे हैं। इस समय फसल के साथ जंगली व पालतू पशुओं के पीने के लिए पानी के प्राकृतिक स्रोत लगभग सूख चुके हैं।
नलकूपों की बदहाल स्थिति से किसान भी परेशान हैं। बड़हरा भिठौरा, पुरैनिया जाट, चीती, नयानगर विशुनपुर, इमिलिया, गनवरिया बुजुर्ग प्रथम व द्वितीय तथा शेरगंज ग्रंट के नलकूप नाली दोष के कारण संचालित नहीं हो पा रहे हैं। पाइपलाइन दोष के कारण पिपराराम, बकसरिया व माधव महुआ के नलकूप बंद पड़े हैं। किसान महेश प्रसाद का कहना है कि इस समय गन्ने की फसल की सिंचाई के लिए नलकूपों का ही सहारा है लेकिन इनकी खराब स्थिति के कारण फसल सूखने की स्थिति में पहुंच गये हैं। झिनकन का कहना है कि नलकूपों के सहारे सब्जियों की फसल की सिंचाई होती थी लेकिन अब सिंचाई के लिए दूसरा कोई साधन नहीं रह गया है। लगातार बढ़ रही डीजल की कीमतों के कारण पंपिंग सेट चलाना भी मुश्किल हो गया है। मेहीलाल बताते हैं कि पालतू मवेशियों को खेतों में चराने के बाद उनके पीने के लिए पानी पहले तालाबों से मिल जाता था। तेज धूप व गर्मी के कारण तालाब लगभग सूख चुके हैं, नलकूप की नालियों से मिलने वाला पेयजल भी अब पशुओं को नहीं मिल पा रहा है। अवर अभियंता विनोद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि सभी खराब नलकूपों के भौतिक स्थिति की रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजी जा चुकी है।
आदेश मिलते ही दोष दूर कराकर सभी नलकूपों को शुरू कराया जाएगा।
असग़र अली
उतरौला
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