शृंगार गौरी मामले में कमीशन की कार्यवाही का वीडियो लीक होने के बाद अब वादी पक्ष के बीच छिड़ी रार सतह पर आ गई है। शृंगार गौरी के नियमित दर्शन के लिए दायर याचिका की वादी राखी सिंह के रिश्तेदार और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने अपनी पैरोकारी के सभी मुकदमों से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन व विष्णु जैन के वकालतनामे को निरस्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस फैसले के पीछे का कारण बताने से इनकार कर दिया। उधर, अधिवक्ता विष्णु जैन ने साफ किया कि वे वाराणसी में ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले की सुनवाई में चार याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे। शृंगार गौरी के नियमित दर्शन व विग्रहों के संरक्षण की मांग को लेकर दायर याचिका में कमीशन की कार्यवाही के दौरान ही पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन और अधिवक्ता हरिशंकर जैन के बीच दूरियां आने लगी थीं। वीडियो लीक प्रकरण के बाद बिसेन ने हरिशंकर जैन की अध्यक्षता में चल रही हिंद साम्राज्य पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद मीडिया को मैसेज के जरिए बताया कि हमने जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपने सभी मामलों में पेश होने से दो वकीलों को हटाने का फैसला किया है। हम काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में अगली अदालत में सुनवाई के दौरान उनका नाम रद्द करने के लिए आवेदन दाखिल करेंगे।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know