बलरामपुर। दहेज हत्या के दोषी पति को एफटीसी प्रथम न्यायाधीश ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने दोषी को 6 हजार अर्थदंड भी अदा करने का आदेश दिया है।
बुधवार को जानकारी देते हुए अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रणधीर सिंह ने बताया कि कोतवाली नगर के ग्राम विशुनीपुर निवासी गिरधारी लाल यादव ने अपनी बेटी मालती की शादी मनीराम निवासी बालपुर के वर्ष 2007 में की थी। पति मनीराम व ससुराल वाले राम कुमार, हरीराम, संतोष, सरोज, राम दुलारी दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। मालती को एक लड़का भी पैदा हुआ। ससुरालवालों ने मालती व उसके लड़के को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मुकदमा लिखकर विवेचना शुरू की।
प्रथम दृष्टया दहेज हत्या का दोषी मानते हुए विवेचक ने मनीराम, राम कुमार, हरीराम, संतोष, सरोज व राम दुलारी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। सत्र परीक्षण के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने 13 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद एफटीसी प्रथम जहेंद्र पाल सिंह ने पति मनीराम को मालती व उसके लड़के की हत्या का दोषी मानते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 6 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर आरोपी को 45 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। न्यायाधीश ने साक्ष्यों के अभाव में राम कुमार, हरीराम, संतोष, सरोज व राम दुलारी को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।
हिन्दीसंवाद न्यूज़
बलरामपुर
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