क्षेत्र में सरकारी गोदामों पर गेहूं की खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। किसान अपनी उपज को एमएसपी से एक सौ पचास रुपये कम की दर पर आढ़तियों को बेचने में ज्यादा विश्वास कर रहे हैं।
जबकि आढ़तिए किसानों के घर जाकर 1850 रुपये प्रति क्विंटल की खरीद कर रहे हैं। सरकारी गोदामों पर गेहूं की खरीद 2015 रुपये होने के बाद भी किसान गोदाम पर उपज बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। किसानों को आंधी-पानी की संभावना के कारण जल्दी उपज बेचने की फिक्र है। सरकारी गोदाम पर ऑनलाइन पंजीकरण, उपज की छनाई उतरवाई के लिए बीस रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान व उपज बेचने के लिए गोदाम पर चक्कर लगाने की विवशता किसानों पर भारी पड़ रही है। उपज बेचने के बाद रकम के भुगतान के लिए बार-बार गोदाम का चक्कर लगाने से किसान थक जाते हैं। यही कारण है कि किसान आढ़तियों को घर पर बुलाकर डेढ़ सौ रुपये प्रति क्विंटल का घाटा उठा रहे हैं।
क्रय केंद्र प्रभारी निरंकार सिंह बताते हैं कि पहली अप्रैल से शुरू हुए खरीद से महीने की अंतिम तारीख तक एक सौ क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है।
खरीद का लक्ष्य 25 सौ क्विंटल है। किसानों को क्रय केंद्र पर पूरी सुविधा दी जा रही है। गेंहू खरीद के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कोटेदार से सहयोग लेकर मोबाइल वैन से गांव गांव जाकर किसानों के घर से खरीद का प्रयास किया जा रहा है।
असग़र अली
उतरौला
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know