रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती पर श्रद्धाँजलि सभा हुई आयोजित
बहराइच। काँग्रेस सेवादल के जन्मदाता डाक्टर नारायण सुब्बाराव हार्डीकर एवँ विश्वकवि गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर जी की जयँती पर आज सेवादल प्रशिक्षण स्थल बरगदही नेजाभार मे जनसेवा जागृति सभा काँग्रेस सेवादल के प्रदेश सचिव रमेश चन्द्र मिश्र जी के सँयोजकत्व मे किया गया। जिसमे सेवादल के एन.टी.सी. एवँ एन.आई. टी.सी. ट्रेँड कैडरोँ ने दोनो महान विभूतियो के चित्र के समक्ष सामूहिक रुप से सैल्यूट करके वँदेमातरम् तथा "हम भारत के रखवाले हेँ, हम अमर तिँरँगे वाले है, जैसे गीत गाकर उपस्थित लोगो को राष्ट्रीय भावना से जागृति किया। साथ ही राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक जय हे का गायन करके गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर को सच्ची श्रद्धाँजलि दिया।उक्त अवसर राष्ट्रीय प्रशिक्षक विनय सिँह ने कहा डाक्टर सुब्बाराव हार्डीकर जी का जन्म 7 मई सन् 1889 मे धारवाड (कर्नाटक प्रदेश) मे एक मध्यम परिवार मे हुआ था।हार्डीकर जी ने नागपुर जेल मे स्वतँत्रता सँग्राम आन्दोलन/सत्याग्रह के दौरान देश व समाज मे ट्रेँड व अनुशासित कैडरो की फौज तैयार करने हेतु 1923 मे हिन्दुस्तानी सेवादल जैसे स्वयँसेवी सँगठन की स्धापना की थी, जिसमे पँजाब केसरी लाला लाजपत राय एवँ लोकमान्य बाल गँगाधर तिलक गाँधी जी, पँडित जवाहर लाल नेहरु जी सहित कई महत्वपूर्ण नेताओँ का सहयोग व समर्थन रहा। जो 1930मे गाँधी जी कीअध्यक्षता मे हुए बेलग्राम काँग्रेस अधिवेँशन मे हिन्दुस्तानी सेवादल के जगह काँग्रेस सेवादल के रुप परिवर्तित किया गया था। डाक्टर एन एस हार्डीकर जी ने कई सँस्थाओँ जैसे तिलक कन्या महाविद्यालय, पूना राष्ट्र सेवादल, भारत सेवादल, कर्नाटक हेल्थ इँस्टीट्यूट, डायमण्ड जुबली ट्रस्ट आदि की स्थापना करके सेवादल विरादरी को देश व समाज मे अग्रसर किया था। जिला महासचिव दिवाकर पाण्डेय ने कहा कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर जी का जन्म 7 मई सन् 1861 मे कलकत्ता मे हुआ था। गुरुदेव को सन्1913मे उनकी कृति गीताँजलि पर नोबेल पुरुस्कार मिला था,1873मे उनकी पहली कविता प्रकाशित हुई थी। 1901 मे उन्होने शाँति निकेतन की स्धापना की थी।जो शिक्षा का अद्भुद प्रयोग था। रवीन्द्रनाथ टैगोर को गुरुदेव की उपाधि महात्मा गाँधी ने दी थी। और गाँधी जी को महात्मा पहली बार टैगोर जी ने ही कहा था।नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भी टैगोर जी के अत्यँत प्रिय थे।बिट्रिश शासन ने उन्हे नाईटहुड की उपाधि दी थी जिसे टैगोर जी ने जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोध मे वापस लौटा दिया था।काँग्रेस नेता दीपक त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रगीत जन गण मन अधिनायक जय हे -की रचना रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही की थी। सन् 1918 मे उन्होने विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।काँग्रेस सेवादल के प्रदेश सचिव रमेश चन्द्र मिश्र ने कहा कि बाँग्ला देश ने गुरुदेव की रचना आभार, सोनार बँगला को राषट्रगान बनाया था। बँगला की सँस्कृति और साहित्य और रवीन्द्र सँगीत के विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर जी सर्वोच्च शिखर थे। कार्यक्रम के अँत मे सहभोज करके भाईचारा कायम रहेगा जैसे श्लोगन को अमलीजामा पहनाया गया। इस अवसर पर रँगनाथ मिश्र सर्वजीत शुक्ल कृष्ण कुमार सँवारे, नसीम इदरीसी, जहाँगीर मिर्जा बेग अँकित मिश्रा बबलू राव अवधराज पासवान बैजनाथ चौधरी लक्ष्मण राव सहित कई लोगोँ ने अपने अपने विचार ब्यक्त किए।
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