बागवानी को किसानों की आय बड़ा स्रोत बनाएगी योगी सरकार

 

अगले पांच वर्षों में बागवानी फसलों के क्षेत्रफल में 4.95 लाख हेक्टेयर वृद्धि की जाएगी

 

प्रदेश में फल, शाकभाजी और मसाला फसलों को बढ़ावा

 

फलों के निर्यात में होगी वृद्धि, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर बनाए जाएंगे विभिन्न उत्पाद

 

किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

 

लखनऊ, 10 मई

योगी सरकार बागवानी को किसानों के आय के बड़े स्रोत के रूप में विकसित कर रही है। प्रदेश सरकार अगले पांच वर्षों में बागवानी फसलों के क्षेत्रफल में 4.95 लाख हेक्टेयर की वृद्धि कराएगी ताकि उत्पादन में वृद्धि हो और किसानों की आय बढ़े।

 

   इससे फलों के निर्यात में बढ़ोतरी होगी, साथ ही खाद्य प्रसंस्करण को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है। इस दिशा में लगातार कदम उठाये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अगले पांच वर्षों में बागवानी फसलों के क्षेत्रफल को 4.95 लाख हेक्टेयर बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार कर ली है। बागवानी फसलों का क्षेत्रफल 11.6 फीसदी से बढ़ाकर 16 फीसदी किया जाएगा। प्रदेश में फल, शाकभाजी और मसाला फसलों को बढ़ावा देकर बागवानी फसलों के क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा।

 

   अगले पांच वर्षों में सिंचाई के लिए ड्रिप और स्प्रिंकलर का उपयोग 2.64 फीसदी से बढ़ाकर 9 फीसदी किया जाएगा। ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई के क्षेत्रफल में 10 लाख हेक्टेयर का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए लगभग 8 लाख किसानों को अनुदान दिया जाएगा। साथ ही 50 हजार किसानों को फल सब्जी, मशरूम आदि के उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 

  बागवानी का क्षेत्रफल बढ़ने से फल-सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि होगी।

इससे आम जैसी फसल का निर्यात बढ़ेगा। साथ ही सरकार खाद्य प्रसंस्करण के स्तर को 06 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करेगी। इसके लिए मेगा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके जरिए सरकार बागवानी को किसानों के आय के बड़े स्रोत के रूप में विकसित करेगी। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी।

 


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