*जिंदगी अब तेरे तेवर नही देखे जाते , माँ के बिकते जेवर नही देखे जाते......*
कैसरगंज, बहराइच | साहित्य उन्नयन के क्रम के अंतर्गत ग्राम कंदैला गढी मे 'इक शाम नीलेंद्र राना के नाम से एक शानदार मुशायरे का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मौलाना इमरान नदवी व संचालन अबुजर जौक जरवली ने किया।कार्यक्रम के आयोजक नीलेंद्र सिंह ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत माला पहनाकर और बैज लगाकर स्वागत किया।मुशायरे में काव्य पाठ करते हुए मौलाना इमरान जरवली ने सुनाया कि मिलेगी तुझको हमेशा की जिंदगी इमरान,खुदा की राह मे मरना अगर गवारा कर।गोंडा से ईमान गोंडवी ने शेर सुनाया कि किसी आंगन मे भी दीवार नही हो सकती,माँ के जैसी अगर इस दौर मे भौजाई मिले।मुशायरे में काव्य पाठ करते हुए हफ़ीज़ जरवली ने सुनाया कि हमको यूसुफ की तरह तू ही बचाले या रब बे गुनाह हो के गुनहगार नजर आते है।जरवल के मशहूर शायर ताज ने शायराना अंदाज़ में पढ़ा कि इश्क़ का मफ़हूम दुनिया को बताने के लिये हुस्न खुद बेचैन है परदा उठाने के लिए।बाबा आजाद जरवली ने सुनाया कि माँ ये कहे तो क्यू न बलाओ को डर लगे रुक जा ज़रा नज़र तेरी बेटे उतार दूँ।तनवीर नूरी ने खूबसूरती के साथ शेर पढ़ा कि क्यू पढ़ते ही रहते हो उसे आप हमेशा,चेहरा है मेरा कोई ये अखबार नही है।आतिफ गोंडवी ने शेर पढ़ा कि
ऐसा नहीं के जान से प्यारा नहीं है अब,बस उसपे इख़्तियार हमारा नहीं है अब।नीलेन्द्र सिंह राना ने जीवन के यथार्थ पर शेर पढ़ा कि जिंदगी अब तेरे तेवर नही देखे जाते ,माँ के बिकते हुये जेवर नही देखे जाते।इस मुशायरे में ज़ाकिर जरवली,अज़ीज़ मीरगंजवी, तौक़ीर मेकश जरवली,अरमान जरवली,अन्वर जरवली,तौहीद आलम , कारी शकील जरवली वक़ार हरचंदवी नफीस जिगर जरवली इमरान तिशना शाहिद नज़मी अशोक सागर ने भी कलाम सुनाए।इस मौके पर अरुण प्रताप सिंह संदीप, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजीत सिंह, प्रधान प्रतिनिधि हसनैन कमाल, विश्वपाल सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, महात्मा सिंह, इंद्रजीत सिंह, ऋषभ सिंह, उद्भव सिंह,कमाल अहमद व मशकूर अहमद व शकील अहमद आदि लोग मौजूद रहे।
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