कारागार की सलाखों के पीछे गुंजा हैप्पी बर्थडे 

जिला कारागार की अच्छी पहल कैदियों के बीच मासूमों का मनाया जन्मदिन

       गिरजा शंकर गुप्ता/ब्यूरों
अंबेडकरनगर। जिला कारागार में महिला बंदी के तीन साल के बेटे मोनू का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। गौ़रतलब है कि जेल में निरुद्ध बंदिनियों के साथ रह रहे मासूम नन्हे मुन्ने किसी अपराध में कारागार में निरुद्ध नहीं हैं, बल्कि किसी अपराध के कारण जेल में निरूद्ध उनके मां-बाप के बच्चे होने की ‘सजा़’ उन्हें मिल रही है. कम उम्र के कारण जो बिना मां के अकेले नहीं रह सकते, उन्हें जेल में रहना पड़ रहा है। जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा का प्रयास है कि इन बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बनी रहे और बच्चे अवसाद से बचे रहें। 

जेल प्रशासन को सोमवार को एक बंदिनी के बेटे के तीसरे जन्मदिन के विषय में जानकारी हुई। जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा ने जेल प्रशासन के सहयोग से तीन वर्षीय मोनू का जन्मदिन धूमधाम से मनाया। जेल अधीक्षक की मौजूदगी में बच्चे से केक कटवाकर सभी बच्चों को उपहार दिए गए और मोनू की लंबी उम्र की कामना की गई। इस दौरान मौजूद अन्य सभी बच्चों को भी केक, चॉकलेट, चिप्स और फल वितरित किए गए। बंदिनियों को भी मिष्ठान और केक वितरित किया गया। बंदिनियों ने ढोलक की थाप पर बड़े उल्लास से सोहर और गारी गाकर अधीक्षक  श्रीमती मिश्रा को सुनाईं। सबने नृत्य आदि करके कारागार का मिजाज़ ही पूरी तरह बदल दिया। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ कई कैदियों की देखभाल का पूरा ध्यान रखा गया है। अधीक्षक ने कहा कि जेल में ऐसा माहौल पैदा किया जा रहा है कि जिससे जेल में आपसी सौहार्द्र का वातावरण बना रहे। उन्होंने आगे बताया कि बलिया से आई बंदिनियों ने खुलकर बताया कि इतना हंसी-खुशी और मेलभाव का माहौल उन्होंने जेल तो दूर, अपने घर तक में कभी नहीं देखा। उन्होंने यह भी कहा कि बंदिनियों व उनके बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पुनर्वासन हेतु वे सतत प्रयत्नशील हैं।

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