गोरखपुर के विश्वविद्यालय उप डाकघर तथा कूड़ाघाट डाकघर में खाताधारकों के खातों में जमा की गई 75 लाख से ज्यादा की रकम के फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। दोनों मामले में कैंट पुलिस ने तीन कर्मचारियों पर केस दर्ज किया है। इनमें दो डाकघर के विभागीय कर्मचारी हैं जबकि एक संविदा पर तैनात है। इससे पहले वाराणसी में भी मुख्य डाकघर से दर्जनों खाताधारकों का करोड़ों रुपया निकालने का मामला सामने आया था। मामले में कई कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई और सीबीआई से जांच भी कराई जा रही है।
गोरखपुर में विश्वविद्यालय उप डाकघर से पैसा निकासी के मामले में सहायक अधीक्षक केन्द्रीय उप मंडल संतोष कुमार सिंह की तहरीर पर पुलिस ने डाक सहायक गितेश कुमार पाण्डये पर केस दर्ज कराया है। आरोप है कि कर्मचारी गितेश ने 31 दिसम्बर 2018 से 12 मार्च 2022 तक डाक सहायक के रूप में काम करते हुए विभिन्न खातों से 25,29,317 रुपये के सरकारी धन की निकासी कर ली। प्रकरण सामने आने के बाद विभागीय जांच करते हुए डाक सहायक को निलम्बित भी किया गया है। वहीं दूसरी तरफ कूड़ाघाट डाकघर में गबन के मामले में निरीक्षक डाकघर पूर्वी उप मंडल सीबी सिंह की तहरीर पर कर्मचारी शैलेन्द्र कुमार और संविदाकर्मी रोहित कुमार पर केस दर्ज किया गया है। शैलेन्द्र कुमार निवमनीचक मसौढी पटना के निवासी है जबकि रोहित कुमार चौधरी आवास विकास कालोनी कूड़ाघाट का निवासी हैं। शैलेन्द्र कुमार डाकघार कूड़ाघाट में एक जुलाई 2019 से 15 जुलाई 2021 तक तैनात रहे।
उन्हें 15 जुलाई 2021 को निलम्बित किया गया है। सीबी सिंह ने अपनी तहरीर में बताया है कि विभिन्न खाताधारकों के पैसे को रोहित चौधरी के सहयोग से शैलेन्द्र कुमार ने 45,26234 रुपये का गबन किया है। शैलेन्द्र कुमार ने यह सभी पैसा रोहित के बैंक खाते में डालकर निकाल लिया है। दोनों मामलों में पुलिस ने धारा 409 यानी अमानत में खयानत का केस दर्ज किया है।
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