राम जानकी मंदिर बड़ागांव ट्रस्ट की बेशकीमती भूमि सरवराकार, राजस्व विभाग ,एवं उपनिबन्धन विभाग की मिलीभगत से जानकारी के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों के हाथों बेचने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रकरण को लेकर भाजपा नगर उपाध्यक्ष देवेश कुमार मिश्र ने उप जिला अधिकारी जलालपुर को पत्र लिखकर हिंदू आस्था से जुड़ी उक्त जमीन पर बिक्री कर रहे लोगों पर रोक लगाने की मांग की है। एसडीएम ने गंभीरता से लेते हुए नायब तहसीलदार के नेतृत्व में टीम गठित कर अभिलेखों एवं स्थलीय जांच का आदेश दिया है। नियमानुसार जहां मंदिर से जुड़ी या मंदिर के नाम की संपत्ति और उससे जुड़ी जमीन का स्वामी केवल मंदिर की मूर्ति होती है, वही सर्वराकार मालिक नहीं सिर्फ सेवक होता है। प्रत्येक सर्वराकार को मंदिर से जुड़ी आय-व्यय का ब्यौरा रखना होता है ।वही इस प्रकरण में मंदिर की जमीन में तमाम सह खातेदार बन गए हैं। सर्वराकार भी सह खातेदार की भूमिका में कब से और कैसे आया यह जांच का विषय है ।वहीं तमाम सह खातेदारों का बंटवारा बिना किए बिक्री करना कहां तक तर्कसंगत है जब तक यह पता न चले कि मंदिर के ट्रस्ट की भूमि कितनी है और सह खातेदारों की कितनी है कैसे बिक्री की जा सकती है ।
इस सम्बन्ध मे उपनिबंधक जलालपुर राशि अग्रवाल का कहना है कि खतौनी के आधार पर निबंधन करने के लिए स्वतंत्र हैं कुल मिलाकर एक समुदाय की आस्था विशेष से मामला जुड़ा होने के कारण एसडीएम ने संवेदनशीलता को देखते हुए टीम गठित कर दी है जांच के बाद सब कुछ सामने आ जाएगा।
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