सेक्टर १३७ अजनारा डैफोडिल की निवासिनी सपना दत्ता बतातीं हैं कि संयुक्त परिवार की शक्ति को उन्होंने अपनी मां से सीखा। महामहिम राष्ट्रपति के आर नारायणन द्वारा राष्ट्रपति पुरुस्कार से विभूषित एवम भारतीय रेलवे की प्रथम महिला जिन्हें भारत सरकार से युवा कार्यक्रम एवम खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है ,श्रीमती सपना दत्ता आज रेलवे में नौकरी करते हुए, अपने दोनों बच्चों की परवरिश एवम सास ससुर के साथ आईआईएमटी विश्वविद्यालय से हिंदी विषय पर पीएचडी करना अपने संयुक्त परिवार की शक्ति के कारण ही संभव मानती हैं।यह सच है कि बड़े परिवार की जिम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी होती है परंतु प्रत्येक परिवार में पिता की भूमिका घर की दीवारों की ही भांति होती है। जिसका होना ही मजबूती प्रदान करता है तथा मां उस घर की आत्मा होती है, जिसकी सांस्कृतिक धरोहर पीढ़ी दर पीढ़ी गुरु शिष्य परम्परा की भांति भारत भूमि पर युगों - युगों से पल्लवित रही है। आज भी जब कभी मैं किसी विशेष बिंदु पर अधिक ध्यान देने से अपने मूल उद्देश्य पर अधिक ध्यान नहीं दे पाती तब मेरा यह परिवार ही सासू मां , ससुर जी या पतिदेव के रूप में मुझे पुनः जाग्रत कर देता है, सपना दत्ता के पति श्री संजीव दत्ता भी रेलवे में मुख्य कल्याण निरीक्षक उत्तर रेलवे में कार्यरत है, तथा महामहिम राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा द्वारा राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित साथ ही मक्केबाजी खेल के राष्ट्रीय पदक विजेता है, और भारतीय खेल प्राधिकरण से प्रशिक्षण के प्रशिक्षक है, एवम दूरदर्शन स्पोर्ट टीवी व स्टार स्पोर्ट्स के कॉमेंटेटर हैं। दत्ता दंपत्ति यह मानते हैं की संयुक्त परिवार असीम ऊर्जा शक्ति का पुंज है, जो आपको सदैव आगे बढ़ने की ऊर्जा प्रदान करता है।
संयुक्त परिवार की शक्ति को उन्होंने अपनी मां से सीखा
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