14 मई को लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत, कई मामलों का होगा निपटारा
अंबेडकरनगर
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 14 मई को जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना है। इसको लेकर आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन एवं वृहद प्रचार-प्रसार हेतु जिला सूचना अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी एवं जनपद के सभी प्रमुख इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडियाकर्मियों के साथ कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सावधानीपूर्वक बैठक जनपद न्यायालय के सभागार में रत्नेश मणि त्रिपाठी, विशेष न्यायाधीश एस०सी० / एस०टी० एक्ट / नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत की अध्यक्षता में एवं सुश्री प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर की उपस्थिति में बैठक
आयोजित हुई। बैठक में लोक अदालत को सफल बनाने पर विचार-विमर्श किया गया।जिनके भी मुकदमे किसी कोर्ट में विचारधीन हों वे 14 मई या इससे पहले किसी भी कार्य दिवस में संबंधित कोर्ट कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।बैठक को सम्बोधित करते अपर जनपद न्यायाधीश रत्नेश् मणि त्रिपाठी ने कहा कि लोक अदालत में वादों का निपटारा आसानी से होता है। इसका उद्देश्य लम्बित मामलों का आपसी सुलह-समझौता के आधार पर कराना है। इससे वादकारियों को लाभ मिलता है तथा उनको बेवजह भागदौड़ करने से निजात मिल जाती है। कहा कि कई ऐसे मामले हैं जो बेवजह लटके हुए हैं। इसलिये थोड़ी सी पहल के बाद इसका निपटारा हो जाता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रियंका सिंह ने कहा कि लोक अदालत में राजस्व से जुड़े अधिक-अधिक मामलों का निस्तारण हो इसका हम सभी को प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक मुकदमें जमीन सम्बंधी होने से न्यायालयों में फाइलों का बोझ बढ़ा हुआ है। लोगों को बिना वजह भागदौड़ से बचने के लिये जरुरी है कि वह सुलह-समझौता के आधार पर अपने मामलों का निपटारा करा लें। उन्होंने कहा कि लोक अदालत का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही इसके लिये लोगों को जागरूक करें। सचिव प्रियंका सिंह ने कहा कि लोगों को लोक अदालत के जरिये मामले का निपटारा होने के बारें में भी बताएं। आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह योग्य फौजदारी वाद, भरण-पोषण वाद, दीवानी वाद, स्टाम्प वाद वैवाहिक वाद, बाट माप अधिनियम के अन्तर्गत चालान, ऋण मामले, बैंक रिकवरी याद, चेक बाऊंस सम्बन्धित धारा 138 एन०आई० एक्ट, बिजली चोरी से शमनीय दण्ड बाद, स्थायी लोक अदालत के बाद सहित अन्य वादों को पक्षों के मध्य आपसी सुलह समझौते के आधार पर विवाद का निस्तारण व अदालतों में लम्बित मामलों के राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण पर न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था है तथा राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं हो सकती है।अधिक से अधिक संख्या में अपने मामलों को उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में सूचीबद्ध कराकर सस्ता एवं सुलभ न्याय प्राप्त करें.सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा उपस्थित मीडियाकर्मियों को बताया गया कि गत राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 34531 वाद निस्तारित किये गये तथा वैवाहिक मामलों के 16 वादों को प्री-लिटिगेशन स्तर पर निस्तारित करवाते हुये वैवाहिक विवादों का निपटारा किया गया आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु अभी तक 31049 याद नियत किये जा चुके हैं। गत राष्ट्रीय लोक की भांति आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में भी अधिक से अधिक वाद निस्तारित किये जायेगें।

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