संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर
*" बोलो तो"*

चना चबेना खाने वाले , अब क्या खाये, बोलो तो।
महंगाई ने मार दिया है , अब क्या गायें, बोलो तो।।

ये  महंगाई  और गरीबी , सब  विपक्ष को दिखता है।
अब उनकी सरकार बन गई, किसे सुनायें, बोलो तो।।

सरकारों  में  आने  से , पहले  लगता  था अपने  हैं।
भूल  गए  पहचान  हमारी , किसे बतायें, बोलो तो।।

गांव - इलाके का  ही  कोई , हाल - चाल  लेने  वाला।
बना विधायक कहां गया,क्या रपट लिखायें,बोलो तो।।

पहले वाला किया नहीं कुछ , न्यौता करने आता था।
हंसकर वो सुन लेता था, क्या गाल बयायें, बोलो तो।।

कुर्ता  अब  रंगीन  हो  गया , गाड़ी  लंबी चौड़ी है।
ठेकेदारों   की   टोली  में , कैसे  जायें , बोलो तो।।

रिश्वतखोरों   बाजारों  की  कैद , न्याय-विद्या मंदिर।
कलम गा रही विरुदावली, क्या बतलायें, बोलो तो।।

वह किसान का बेटा है , चिल्ला कर  कहता  मंचो से।
पर किसान ले दर्द,कहां किसको दिखलाये,बोलो तो।।

लेकर  दूध  कटोरे  में  वह , कब  खायेगा रोटी से।
नेता श्रद्धासुमन चढ़ाने, अब क्यों आये, बोलो तो।।...*"अनंग"*

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