स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जनप्रतिनिधियों के
आचरण की शुचिता अति आवश्यक: मुख्यमंत्री
सभी मंत्रिगण द्वारा शपथ लेने के अगले तीन माह के भीतर अपने और अपने परिवार
के सदस्यों की समस्त चल-अचल सम्पत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें
के सदस्यों की समस्त चल-अचल सम्पत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें
सभी मंत्रिगण यह सुनिश्चित करें कि शासकीय कार्यों में
उनके पारिवारिक सदस्यों का कोई हस्तक्षेप न हो
सभी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अपनी व परिवार के सदस्यों
की समस्त चल/अचल सम्पत्ति की सार्वजनिक घोषणा की जाए
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में विगत 05 वर्ष में टीम यू0पी0 ने
जन अपेक्षाओं के अनुरूप विकास और सुशासन का मॉडल प्रस्तुत किया
हमें जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप आचरण करते हुए
प्रदेश के समग्र विकास के लिए कार्य करना होगा
सभी मंत्रिगण द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन
सुनिश्चित करते हुए निर्धारित आचरण संहिता का पूरी निष्ठा से पालन किया जाए
सुनिश्चित करते हुए निर्धारित आचरण संहिता का पूरी निष्ठा से पालन किया जाए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां शास्त्री भवन में आयोजित मंत्रिमण्डल की विशेष बैठक में प्रदेश सरकार के मंत्रियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जनप्रतिनिधियों के आचरण की शुचिता अति आवश्यक है। इसी भावना के अनुरूप सभी मंत्रिगण द्वारा शपथ लेने के अगले तीन माह के भीतर अपने और अपने परिवार के सदस्यों की समस्त चल-अचल सम्पत्ति की सार्वजनिक घोषणा की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी मंत्रिगण यह सुनिश्चित करें कि शासकीय कार्यों में उनके पारिवारिक सदस्यों का कोई हस्तक्षेप न हो। उन्हें अपने आचरण से आदर्श प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अपनी व परिवार के सदस्यों की समस्त चल/अचल सम्पत्ति की सार्वजनिक घोषणा की जाए। यह विवरण आम जनता के अवलोकनार्थ ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में विगत 05 वर्ष में टीम यू0पी0 ने जन अपेक्षाओं के अनुरूप विकास और सुशासन का मॉडल प्रस्तुत किया है। अब हमारी प्रतिस्पर्धा हमसे ही है। हमें जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप आचरण करते हुए प्रदेश के समग्र विकास के लिए कार्य करना होगा। राज्य मंत्रिगण के लिए कार्य आवंटन पूर्ण हो गया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि विभागीय बैठकों में राज्य मंत्रिगण भी अवश्य सम्मिलित हों।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी मंत्रिगण द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करते हुए निर्धारित आचरण संहिता का पूरी निष्ठा से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों/राष्ट्रों के दौरे पर जाने वाले मंत्रिगण/अधिकारीगणों द्वारा वापस लौटने के उपरान्त अपने अनुभवों/नई जानकारियों के बारे में मंत्रिपरिषद के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी जाए।
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