*प्रेसनोट*

*अयोध्या मंडल में आयोजित बाल वाटिका और चहक कार्यक्रम में  यूट्यूब के माध्यम से  शिक्षकों का ऑनलाइन अभिमुखीकरण कार्यक्रम सम्पन्न-   चौदह हजार शिक्षक लाभान्वित*

राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देशन में स्कूल रेडीनेस संबंधी 12 सप्ताह के गतिविधि कलेण्डर के प्रयोग हेतु  सहायक निदेशक( बेसिक) अयोध्या मंडल राम सागर पति त्रिपाठी के मार्गदर्शन में आज  अयोध्या  मंडल के समस्त शिक्षकों के अभिमुखीकरण हेतु  एक ऑनलाइन यू-ट्यूब सेशन का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री रामसागरपति त्रिपाठी, सहायक शिक्षा निदेशक(बेसिक) अयोध्या मंडल, अयोध्या, श्रीमती शिखा शुक्ला, प्रभारी क्वालिटी सेल, राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ एवं श्री संतोष कुमार देव पांडेय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अयोध्या , बी एस ए बाराबंकी,  बी एस ए सुल्तानपुर,  बी एस ए अमेठी,  बी एस ए अम्बेडकर नगर शामिल रहे। ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन एसआरजी डॉ अम्बिकेश त्रिपाठी ने किया। प्रथम सत्र में डॉ अम्बिकेश त्रिपाठी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में  निपुण भारत मिशन और स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम की महत्ता को बताया और अंत तक के समस्त सत्रों का गंभीरतापूर्वक संचालन किया। जिला समन्वयक प्रशिक्षण श्री सुनील कुमार श्रीवास्तव ने स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) श्री रामसागरपति  त्रिपाठी ने स्कूल रेडिनेस को इसके जमीनी स्तर पर सफल बनाने हेतु सभी से पूरे मनोयोग से लगकर कार्य करने का आवाहन किया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि विभाग की समस्त योजनाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई है अतः सभी योजनाओं पर सभी का समान ध्यान अपेक्षित है। क्वालिटी सेल की प्रमुख श्रीमती शिखा शुक्ला ने कहा कि स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम को अनुसमर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक सप्ताह के प्रारंभ के एक दिन पूर्व उस सप्ताह की गतिविधियां संक्षिप्त रूप में ऑडियो एवं विजुअल के रूप में राज्य के व्हाट्सएप्प ग्रुप में साझा की जाएंगी जिसे एस आर जी और डी सी, बिना बीईओ पर निर्भर हुए, सीधे प्रधानाध्यापकों के ग्रुप में साझा करेंगे साथ ही प्रत्येक सप्ताह के अंतिम दिवस अर्थात् शनिवार को प्रत्येक जनपद द्वारा एक गूगल फार्म पर प्रगति की सूचना भी राज्य मुख्यालय को प्रेषित की जाएगी। द्वितीय सत्र में एसआरजी डॉ  अम्बिकेश त्रिपाठी द्वारा बाल वाटिका कार्यक्रम में सभी के दायित्वों और "चहक" कार्यकम की रूपरेखा पर चर्चा की। एआरपी डॉ रजनीरंजन जायसवाल और श्रीमती पारिजा श्रीवास्तव द्वारा प्रथम तीन सप्ताह की दैनिक गतिविधियों पर उदाहरण सहित विस्तार से प्रकाश डाला गया। तृतीय सत्र में एआरपी डॉ अनामिका मिश्रा ने निष्प्रयोज्य वस्तुओं से बनाये गए टीएलएम और उसके प्रयोग तथा महत्व को बताया। प्रधानाध्यपिका डॉ गीतांजलि मिश्रा ने अपने प्राथमिक विद्यालय दरगाह बगिया, विकासखंड पूरा में विकसित बाल वाटिका को वीडियो से प्रदर्शित करते हुए उसकी दैनिक कार्यवाही का प्रदर्शन किया साथ ही बच्चों पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों की चर्चा की। चतुर्थ सत्र में डॉ रजनीरंजन जायसवाल ने बाल वाटिका में 12 सप्ताह के कार्यक्रम के समय बच्चों की प्रोफाइल बनाने और बच्चों को बिना बताए प्रथम दो सप्ताह में पहला आकलन करने तथा 12 सप्ताह पूर्ण होने पर दूसरा आकलन करने की योजना पर विस्तार से चर्चा की साथ ही बच्चों के आकलन की प्रगति को अभिभावकों से भी शेयर करने के महत्व पर भी चर्चा की। अंत मे जिला समन्वयक प्रशिक्षण श्री सुनील श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों के प्रश्नों और जिज्ञासाओं का निवारण किया और सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सत्र का समापन किया। इस ऑनलाइन यू-ट्यूब सेशन में लगभग बारह  हजार  शिक्षक/शिक्षिकाओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों ने भाग लिया।

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