गोण्डा//जब-जब पृथ्वी पर अनाचार अत्याचार और अधर्म बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तब तब भगवान श्री विष्णु जी को अलग अलग रूप लेकर पृथ्वी के उद्धार के लिए इस धरा पर आना ही पड़ता है।
 उक्त बातें कथावाचक पंडित वंशराज मिश्र ने रविवार को सेवरहा ग्रामसभा के राजापुरवा कस्बे में कैलाश नाथ यादव के यहाँ चल रहे सप्ताह भागवत कथा के दौरान कंश वध के दौरान कही।
भगवान कभी अपने भक्त को कष्ट और दुख में नही छोड़ सकते, भक्त यदि सच्चा हो उसके भाव सही हो पवित्र हों तो भगवान को हरहाल में भक्त के कष्ट मिटाने के लिए आना ही पड़ता है।
कंस के अत्याचार अनाचार से भक्त को मुक्ति दिलाने भगवान ने जेल में भी जाकर यह सिद्ध कर दिया है।सभी को अपनी शक्ति के अनुसार धर्म तप का पालन अवश्य करना चाहिए आज के युग मे जितना संभव हो झूंठ न बोले किसी को कष्ट न दें बस यही धर्म है  सत्मार्ग पर चलना, संयमित रहना ही सबसे बड़ा तप है आप उपवास रखें य न रखें ।
किसी से भी द्वेषपूर्ण व्यवहार, भेदभाव करना और जलन रखना गलत है।हमारे धार्मिक ग्रंथों में प्रेम स्नेह भाईचारा और मानवता,विश्व के कल्याण के लिए कार्य करने की शिक्षा दी गयी है।
सबके प्रति सहज प्रेम भाईचारा और दयाभाव से स्नेह करते रहें यही सच्ची मनुष्यता है।
 हिन्दीसंवाद न्यूज
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