हिन्दीसंवाद के असगर अली की रिपोर्ट
उतरौला (बलरामपुर)
सर्दी जाने के बाद अब गर्मी का असर दिखने लगा है। आने वाले दिनों में पानी की किल्लत में इजाफा होना तय है। कारण भूजल स्तर में गिरावट के चलते संसाधनों की हालत पतली होती जा रही है। वहीं दूसरी ओर इस संकट से निपटने के लिए बरती जाने वाली एहतियात कहीं दिखाई नहीं दे रही है। चाहे मसला हैंडपंपों की मरम्मत या बोर का हो अथवा नए हैंडपंप लगाने का।सामूहिक पेयजल योजना व नलकूपों के माध्यम से पानी मुहैया कराने की व्यवस्था भी प्रभावित है स्थिति यह है कि गांव से लेकर शहर तक पानी एक गंभीर समस्या बना हुआ है। गर्मी आते ही पेयजल समस्या मुंह पसारने लगती है जिसके आसार देखने को मिल रहे हैं। जिसका सबसे व्यापक असर ग्रामीण क्षेत्रों में दिख रहा है। उतरौला व गैड़ास बुजुर्ग ब्लॉक के विभिन्न गांव में पीने के पानी की समस्या व्यापक रूप ले रही है। जलापूर्ति के लिए लगे इंडिया मार्का हैंडपंप जवाब दे रहे हैं। दर्जनों हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। जो चल रहे हैं उनमें समुचित व स्वच्छ पानी नहीं आ रहा है। यदि समय रहते उपाय नहीं किए गए तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है। नगर क्षेत्र की बात की जाए तो यहां के हालात भी अच्छे नहीं हैं। कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां स्वच्छ व शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वाहन धुलाई सेंटरों पर हजारों लीटर पानी की बर्बादी आए दिन हो रही है। इसके अलावा व्यवसायिक उपयोग में डब्बा बंद पानी फिल्टर केंद्रों पर भी पानी की बर्बादी देखने को मिल रहा है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know