आदर्श चुनाव आचार संहिता के फेर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लाभार्थियों की अनुदान राशि फंस गई है। पिछले वर्ष 14 दिसंबर को स्थानीय विकास खंड में 115 नव दंपत्तियों का सामूहिक विवाह हुआ था।
अधिकारियों की लापरवाही के चलते अनुदान के रूप में मिलने वाली 35 हजार रुपयों की आर्थिक सहायता रुकी रह गई। आठ जनवरी को आचार संहिता घोषित होने के बाद से अनुदान की राशि खातों में भेजने से रोक दी गई। हांलाकि नगर पालिका क्षेत्र के तीन नव विवाहितों के खातों में इसी साल फरवरी महीने में अनुदान की राशि भेज दी गई लेकिन 113 लोगों के खातों में यह कहकर रकम नहीं भेजी जा रही है कि रकम भेजने से आचार संहिता का उल्लंघन होगा।
बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी व प्रमुख सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि जिन योजनाओं की राशि चुनाव आचार संहिता लगने से पहले भेजी जा चुकी है उनका भुगतान किया जाए केवल नयी योजनाओं के चयनित लोगों को किसी प्रकार का अनुदान न दिया जाए। आदेशों के अनुपालन के चलते ही पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को फरवरी महीने में दूसरी किस्त के रूप में डेढ़ लाख रुपये भेजे भी गये थे। पंचायत विभाग के अधिकारियों के स्वघोषित फैसले के कारण विकास खंड के 113 परिवार अनुदान की राशि से दिसंबर महीने से वंचित है। अल्ला नगर, गोंसाईजोत व राजाजोत समेत अनेक गांवों के गरीब अनुदान के अभाव में बेटियों की विदाई नहीं कर पा रहे हैं।
बीडीओ सुमित सिंह का कहना है कि सभी लाभार्थियों को दी जाने वाली अनुदान की राशि प्राप्त हो गई है। उच्च अधिकारियों का निर्देश मिलते ही लाभार्थियों के खातों में रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी।
असग़र अली
उतरौला
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know