पांच राज्यों में आज नई सरकार : यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर विधानसभा चुनाव के आएंगे नतीजे, अटकलों-दावों के बाद अब परिणाम की बारी
विस्तार
अनुमान, दावों और अटकलों का दौर खत्म, अब अंजाम की बारी । सियासी दृष्टि से बेहद अहम और अगले लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल मुकाबला माने जा रहे उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव परिणाम बृहस्पतिवार को घोषित हो जाएंगे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाताओं ने किसे जनादेश का गुलाल लगाया और किसे आत्मनिरीक्षण करने का सबक सिखाया।
चुनाव का परिणाम ब्रांड मोदी की मजबूती, मोदी सरकार के गरीब कल्याण एजेंडे के असर और कोरोना महामारी काल में सरकार के कामकाज पर लोगों की राय सामने लाएगा। इसके अलावा चुनाव नतीजे अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय दलों का भविष्य भी तय करेंगे।
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बाद यह पहला चुनाव है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगी। दस बजे के आसपास ठोस रुझान आने शुरू हो जाएंगे। दोपहर तक अलग-अलग राज्यों की तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
भाजपा के लिए परीक्षा की घड़ी, यूपी में प्रदर्शन दोहराने की चुनौती
पंजाब को छोड़ कर सभी चुनाव वाले अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर में भाजपा की सरकारें हैं। इनमें सबसे बड़ी चुनौती सियासी दृष्टि से अहम सूबे यूपी में सरकार बचाने की है। बेहतर प्रदर्शन न होने की स्थिति में भाजपा के सबसे मजबूत ब्रांड मोदी के कमजोर पड़ने और पार्टी के अजेय होने की छवि को गहरा धक्का लगेगा।
इन मुद्दों की होगी परीक्षा
किसान आंदोलन, छुट्टा पशुओं की समस्या, बेरोजगारी, सुरक्षा, राष्ट्रवाद, लाभार्थी समूहों की आकांक्षा।
मतदान (2017 में)
सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, सरकार छोड़ने वाले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और दलबदल करने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारासिंह चौहान और धर्मसिंह सैनी जैसे नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। चुनावी नतीजे उपमुख्यमंत्री और भाजपा के पिछड़े वर्ग के चेहरे केशवप्रसाद मौर्य के लिए भी इम्तिहान साबित होंगे।
ईवीएम विवाद में लापरवाही बरतने के आरोप में वाराणसी में नोडल प्रभारी नलिनीकांत सिंह पर गाज गिर गई। चुनाव आयोग के निर्देश पर शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया। वहीं, घोरावल के रिटर्निंग अफसर (आरओ) रमेश कुमार और बहेड़ी एसडीएम पारुल तरार को हटा दिया गया है। कुमार पर मतगणना स्थल के बाहर गाड़ी में मतपत्र-मुहर मिलने व तरार पर कचरा गाड़ी से मतदान सामग्री मिलने के मामले में सख्ती हुई है।
चुनाव का परिणाम ब्रांड मोदी की मजबूती, मोदी सरकार के गरीब कल्याण एजेंडे के असर और कोरोना महामारी काल में सरकार के कामकाज पर लोगों की राय सामने लाएगा। इसके अलावा चुनाव नतीजे अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय दलों का भविष्य भी तय करेंगे।
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बाद यह पहला चुनाव है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगी। दस बजे के आसपास ठोस रुझान आने शुरू हो जाएंगे। दोपहर तक अलग-अलग राज्यों की तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
भाजपा के लिए परीक्षा की घड़ी, यूपी में प्रदर्शन दोहराने की चुनौती
पंजाब को छोड़ कर सभी चुनाव वाले अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर में भाजपा की सरकारें हैं। इनमें सबसे बड़ी चुनौती सियासी दृष्टि से अहम सूबे यूपी में सरकार बचाने की है। बेहतर प्रदर्शन न होने की स्थिति में भाजपा के सबसे मजबूत ब्रांड मोदी के कमजोर पड़ने और पार्टी के अजेय होने की छवि को गहरा धक्का लगेगा।
इन मुद्दों की होगी परीक्षा
किसान आंदोलन, छुट्टा पशुओं की समस्या, बेरोजगारी, सुरक्षा, राष्ट्रवाद, लाभार्थी समूहों की आकांक्षा।
चरण | जिले | सीट | मतदान | इन इलाकों में |
पहला | 11 | 58 | 10 फरवरी | पश्चिमी उत्तर प्रदेश |
दूसरा | 09 | 55 | 14 फरवरी | पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड |
तीसरा | 16 | 59 | 20 फरवरी | पश्चिमी, मध्य यूपी, बुंदेलखंड |
चौथा | 09 | 59 | 23 फरवरी | अवध, बुंदेलखंड, मध्य यूपी |
पांचवां | 11 | 61 | 27 फरवरी | अवध, बुंदेलखंड |
छठा | 10 | 57 | 03 मार्च | पूर्वांचल के इलाकों में |
सातवां | 09 | 54 | 07 मार्च | पूर्वांचल के इलाकों में |
मतदान (2017 में)
- भाजपा 39.67%
- सपा 21.82%
- बसपा 22.23%
- 2012 में भाजपा को 15%, सपा को 29.15%, बसपा को 25.91% वोट
सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, सरकार छोड़ने वाले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और दलबदल करने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारासिंह चौहान और धर्मसिंह सैनी जैसे नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। चुनावी नतीजे उपमुख्यमंत्री और भाजपा के पिछड़े वर्ग के चेहरे केशवप्रसाद मौर्य के लिए भी इम्तिहान साबित होंगे।
छठे-सातवें चरण में पीएम मोदी का दांव
चुनाव के छठे और सातवें चरण में पूर्वांचल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी तोकत झोंकी। सातवें चरण में वाराणसी भी आता है, जहां से पीएम मोदी सांसद हैं। उन्होंने वाराणसी में न केवल विशाल रोड शो किया वरन चुनावी रैली को भी संबोधित किया।
इन सवालों के मिलेंगे जवाब
- ब्रांड मोदी में कितना बचा है दम?
- रायसीना हिल्स पर किसकी होगी दावेदारी?
- कांग्रेस, सपा, बसपा का क्या होगा भविष्य?
- गैरकांग्रेस-गैरभाजपा गठबंधन के लिए कितना अवसर?
- योगी के रूप में भाजपा को मिलेगा एक और ब्रांड?
- यूपीए का भविष्य कितना सुरक्षित?
- भाजपा के गरीब कल्याण एजेंडे में कितना दम?
- किस करवट बैठेगा अखिलेश का भाजपा फॉर्मूला?
- कोरोना महामारी के बाद पहला चुनाव।
एग्जिट पोल में दावा... उत्तर प्रदेश समेत तीन राज्यों में भाजपा, पंजाब में आप
टीवी चैनलों के विभिन्न एजेंसियों द्वारा कराए एग्जिट पोल में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में भाजपा की सत्ता बरकरार रहने, पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के उदय और गोवा में कांटे की टक्कर का अनुमान है।
एक और सर्वे में दावा
- यूपी : भाजपा को बीते चुनाव से तीन फीसदी अधिक वोट
- उत्तराखंड : कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को 5% अधिक वोट का अनुमान
- पंजाब : आप की बंपर जीत।
ईवीएम विवाद में लापरवाही बरतने के आरोप में वाराणसी में नोडल प्रभारी नलिनीकांत सिंह पर गाज गिर गई। चुनाव आयोग के निर्देश पर शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया। वहीं, घोरावल के रिटर्निंग अफसर (आरओ) रमेश कुमार और बहेड़ी एसडीएम पारुल तरार को हटा दिया गया है। कुमार पर मतगणना स्थल के बाहर गाड़ी में मतपत्र-मुहर मिलने व तरार पर कचरा गाड़ी से मतदान सामग्री मिलने के मामले में सख्ती हुई है।
किस राज्य में क्या है माहौल?
- यूपी : बीते चुनाव में तीन-चौथाई बहुमत लाने वाली भाजपा ने पहली बार सीएम योगी को चेहरा बनाया है। बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तो लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ मैदान में उतरने वाली सपा इस बार रालोद, सुभासपा सहित कई छोटे दलों के साथ मैदान में है। भाजपा ने योगी-मोदी की जोड़ी को भुनाने की कोशिश की है। बसपा-कांग्रेस अपने दम पर मैदान में है।
- उत्तराखंड : बीते चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाली भाजपा फिर मोदी के भरोसे है। भरोसे पर खरा न उतरने के कारण बीते पांच साल में राज्य में तीन मुख्यमंत्री बनाए गए। कांग्रेस बिना किसी को चेहरा बनाए मैदान में है। भाजपा को मोदी के करिश्मे तो कांग्रेस को हर पांच साल बाद बदलाव के राज्य के सियासी चरित्र पर भरोसा है।
- पंजाब : किसान आंदोलन के बीच यहां सियासत ने तेज करवट ली है। दशकों बाद अकाली दल और भाजपा अलग-अलग चुनाव मैदान मेंं हैं। अकाली दल ने बसपा तो भाजपा ने पंजाब लोक कांग्रेस, अकाली दल लोकतांत्रिक से गठबंधन किया है। आप ने भगवंत मान पर भरोसा जताया है। जबकि, कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर दलित चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया था।
- गोवा : बीते चुनाव में कांग्रेस जीत की दहलीज पर पहुंचकर लुढ़क गई थी। भाजपा ने बहुमत से चार सीट दूर खड़ी कांग्रेस को करारा झटका दिया था। इस बार आप, तृणमूल कांग्रेस सहित तीन नए क्षेत्रीय दलों ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। इस बार भी त्रिशंकु जनादेश के आसार हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच है।
- मणिपुर : बीते चुनाव में यहां गोवा की कहानी दुहराई गई। सरकार बनाने के लिए कांग्रेस 3 अतिरिक्त विधायक नहीं तलाश पाई। जबकि, भाजपा ने एनपीएफ, एनपीपी को साध कर बहुमत के लिए जरूरी दस विधायकों का इंतजाम कर लिया। इस बार ये दोनों दल अलग-अलग मैदान में हैं और भाजपा भी अपने दम पर चुनाव लड़ी है।
- गिरजा शंकर विद्यार्थी रिपोर्टर
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