तेरा पुरसौली के भ्रष्टाचार पर अभी तक नही हुई कोई कार्यवाही 

जिम्मेदार खेल रहे खेल जांच का खेल 
       गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
 हरदोई जिले के डीपीआरओ कार्यालय में वह भ्रष्टाचार ठंडे बस्ते में पड़े है जो भ्रष्टाचार शीशे की तरह बिल्कुल साफ थे पूर्व के ज्यादातर भ्रष्टाचार पर सिर्फ जांच का खेल खेला गया और समय के साथ कई भ्रष्टाचार ले देकर ठंडे बस्ते में डाल दिये गए कुछ ऐसा ही खेल तेरा पुरसौली के भ्रष्टाचार के साथ खेला जा रहा है
आपको बताते चले कि यूक्रेन में पढ़ने वाली वैशाली यादव सांडी ब्लाक के ग्रामपंचायत तेरा पुरसौली से ग्रामप्रधान का चुनाव लड़ी थी और जीती।चुनाव जीतने के बाद ग्रामप्रधान वैशाली यादव  पुनः यूक्रेन चली गई व तेरा पुरसौली की ग्रामप्रधानी ठेके पर चलने लगी।
तेरा पुरसौली की ग्राम प्रधानी ठेके पर चल रही है और ग्रामप्रधान के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये लाखो रुपया का भुगतान करा लिया गया इसका खुलासा तब हुआ तब रूस व यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई और वैशाली यादव ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई तब यह बात अस्तित्व में आई कि वैशाली यादव एक छात्रा के साथ साथ ग्रामपंचायत तेरा पुरसौली की ग्रामप्रधान भी है।
वैशाली यादव ने सरकार से जैसे ही मदद के लिए गुहार लगाई वैसे ही उनकी पोल भी खुल गई और कई सवाल खड़े हो गए कि जब ग्रामप्रधान यूक्रेन में थी तब आखिर किसने फर्जी हस्ताक्षर बनाकर लाखो रुपये के फर्जी पेमेंट करा लिए।
जब इस पूरे फर्जीवाड़े के बारे में पड़ताल की गई तो पाया गया कि दिनांक 15/09/2021 को 55000रु,15/10/2021 को 2,54,770रुपये,07/11/2021 को 409260रुपये,10/11/2021 को 192500 रुपये,19/11/2021 को 36,000रुपये व 04/02/2021 को 132800 रुपये का भुगतान ग्रामपंचायत तेरा पुरसौली को किया गया।अब सवाल यह उठता है कि जब ग्रामप्रधान वैशाली यादव यूक्रेन में थी तो डिजिटल सिग्नेचर का यूज किसने किया।किस आईपी एड्रेस से व किस लैपटॉप से व किस आईएमआई नम्बर से किया गया। 
जब डीपीआरओ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एडीओ पंचायत से जांच आख्या मांगी गई है।जब एडीओ पंचायत से बात की गई तो पता चला कि जिस समयावधि में 1080330 रुपये का भुगतान हुआ है उस समयावधि में ग्रामप्रधान वैशाली यादव गांव में नही थी।एडीओ पंचायत ने बताया की ग्रामप्रधान व उनके पिता महेंद्र यादव को नोटिस भेजा गया है जवाब मिलते ही कार्यवाही की जाएगी एडीओ पंचायत ने बताया कि वैशाली यादव ही बता सकती है कि किस तकनीक से ग्रामप्रधान ने डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया।
आपको बताते चले कि जो भुगतान ग्रामपंचायत तेरा पुरसौली को किया गया है वह भुगतान डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से किया गया है इस कारण यह बहुत आसानी से जाना जा सकता है कि डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किस लैपटॉप से किस आईपी एड्रेस से व किस आईएमआई से किया गया लेकिन जिम्मेदार नोटिस व जांच आख्या का खेल खेल रहे है 
जिससे समझा जा सकता है कि पूर्व के भ्रष्टाचार की भांति यह भ्रष्टाचार भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा।एडीओ पंचायत ने एक हफ्ते में दी गई नोटिस का जवाब प्राप्त हो जाएगा तब कार्यवाही की जाएगी की बात कही है
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