अलीगढ़ : बेइज्जती के बदले और रुपयों की जरूरत में पेंट कारोबारी की पत्नी को मार डाला, साथी संग हत्यारा गिरफ्तार
विस्तार
इंदिरा नगर- रामनगर इलाके में पेंट कारोबारी की पत्नी की लूट के दौरान हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि नामी पेंट कंपनी के सेल्स एग्जीक्यूटिव ने अपने साथी संग मिलकर की थी ।
पुलिस ने घटना के सातवें दिन रविवार को सनसनीखेज वारदात का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से पेंट कारोबारी के घर से लूटी गई पिस्टल व नकदी आदि बरामद हुई है।
आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसे कर्ज उतारने के लिए रुपयों की जरूरत थी और पेंट कारोबारी द्वारा की गई बेइज्जती से वह आहत था। इन्हीं दोनों वजहों से इस वारदात को अंजाम दिया। मगर घर में उसे ज्यादा रकम नहीं मिली। इस खुलासे पर एसएसपी ने पुलिस टीम को 25 हजार के नकद इनाम की घोषणा की है। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुणावत ने पुलिस लाइन सभागार में रविवार को प्रेसवार्ता में बताया कि सात मार्च की देर शाम 7-8 बजे के मध्य पेंट कारोबारी विजेंद्र गुप्ता की पत्नी सुनीता गुप्ता की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी।
बाद में हुई जांच में लाइसेंसी पिस्टल व नकदी आदि लूटे जाने की पुष्टि हुई। साथ ही कुछ ऐसे साक्ष्य भी मिले, जिससे लगा कि कोई परिचित इस वारदात को अंजाम देकर गया है। घटना के खुलासे के लिए एसएसपी कलानिधि नैथानी के स्तर से पांच टीमों को लगाया गया। इन टीमों ने सर्विलांस, मुखबिरी व सीसीटीवी की मदद से जब खोजबीन शुरू की तो एक सीसीटीवी में दो संदिग्ध व्यक्ति कैद पाए गए। देहली गेट पुलिस ने सर्विलांस और एसओजी की मदद से रात तीन बजे दोनों आरोपियों को मसूदाबाद बस स्टैंड के पास से दबोच लिया।
पूछताछ में दोनों ने अपने नाम सिद्धार्थ नगर सुरक्षा विहार, बन्नादेवी निवासी मनोज कुमार व कोठी लंकराम नई बस्ती, बन्नादेवी निवासी कैलाश बाबू बताया। मनोज एक नामी पेंट कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव है, जबकि कैलाश का गाजियाबाद बम्हैटा रेड लाइट पांडव नगर, लाल कुआं के पास हाईवे होटल एंड रेस्टोरेंट चलाता है। इन दोनों के कब्जे से बैग में विजेंद्र के घर से लूटी गई लाइसेंसी पिस्टल, 12 हजार नकदी, खून से सनी कैंची, रस्सी के टुकड़े, खून से सने कपड़े आदि बरामद किए हैं।
रिश्तेदारों ने निकाला गुस्सा, चप्पलों से आरोपियों को पीटा
पुलिस लाइन में वारदात के खुलासे की खबर पर रविवार दोपहर दोनों बेटों के अलावा, परिवार के अन्य करीबी सदस्य व रिश्तेदार काफी संख्या में पहुंच गए। दोनों आरोपियों को एक कमरे में बंद देख उनका गुस्सा सातवें आसमान पर आ गया। कुछ महिलाओं व युवकों ने आरोपियों की चप्पलों से पिटाई कर दी। इस दौरान मौजूद सीओ प्रथम राघवेंद्र सिंह
व इंस्पेक्टर देहली गेट ने जैसे तैसे भीड़ को कमरे से बाहर निकाला। दोनों आरोपियों को कमरे में कैद किया।
सीसीटीवी फुटेज बने पुलिस के लिए मुखबिर
महानगर में लगे स्मार्ट कैमरे एक बार फिर सनसनीखेज वारदात के खुलासे में पुलिस के मुखबिर के रूप में काम आए हैं। इस घटना के खुलासे में जुटी पुलिस टीमें दो दिन तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। तीसरे दिन एक सीसीटीवी फुटेज में टिर्री से उतरते दो संदिग्ध कैद पाए गए। उनमें से एक अपना चेहरा छिपाने की कोशिश कर रहा था। इसी बात पर पुलिस ने उसे संदेह के दायरे में रखा। हालांकि, परिवार का कोई सदस्य अंधेरे के सीसीटीवी फुटेज होने के कारण उसे
पहचान न सका। मगर पुलिस ने उस संदेह पर काम करते हुए सीसीटीवी का पीछा किया और 400 से ज्यादा सीसीटीवी देखते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई।
आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसे कर्ज उतारने के लिए रुपयों की जरूरत थी और पेंट कारोबारी द्वारा की गई बेइज्जती से वह आहत था। इन्हीं दोनों वजहों से इस वारदात को अंजाम दिया। मगर घर में उसे ज्यादा रकम नहीं मिली। इस खुलासे पर एसएसपी ने पुलिस टीम को 25 हजार के नकद इनाम की घोषणा की है। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुणावत ने पुलिस लाइन सभागार में रविवार को प्रेसवार्ता में बताया कि सात मार्च की देर शाम 7-8 बजे के मध्य पेंट कारोबारी विजेंद्र गुप्ता की पत्नी सुनीता गुप्ता की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी।
बाद में हुई जांच में लाइसेंसी पिस्टल व नकदी आदि लूटे जाने की पुष्टि हुई। साथ ही कुछ ऐसे साक्ष्य भी मिले, जिससे लगा कि कोई परिचित इस वारदात को अंजाम देकर गया है। घटना के खुलासे के लिए एसएसपी कलानिधि नैथानी के स्तर से पांच टीमों को लगाया गया। इन टीमों ने सर्विलांस, मुखबिरी व सीसीटीवी की मदद से जब खोजबीन शुरू की तो एक सीसीटीवी में दो संदिग्ध व्यक्ति कैद पाए गए। देहली गेट पुलिस ने सर्विलांस और एसओजी की मदद से रात तीन बजे दोनों आरोपियों को मसूदाबाद बस स्टैंड के पास से दबोच लिया।
पूछताछ में दोनों ने अपने नाम सिद्धार्थ नगर सुरक्षा विहार, बन्नादेवी निवासी मनोज कुमार व कोठी लंकराम नई बस्ती, बन्नादेवी निवासी कैलाश बाबू बताया। मनोज एक नामी पेंट कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव है, जबकि कैलाश का गाजियाबाद बम्हैटा रेड लाइट पांडव नगर, लाल कुआं के पास हाईवे होटल एंड रेस्टोरेंट चलाता है। इन दोनों के कब्जे से बैग में विजेंद्र के घर से लूटी गई लाइसेंसी पिस्टल, 12 हजार नकदी, खून से सनी कैंची, रस्सी के टुकड़े, खून से सने कपड़े आदि बरामद किए हैं।
रिश्तेदारों ने निकाला गुस्सा, चप्पलों से आरोपियों को पीटा
पुलिस लाइन में वारदात के खुलासे की खबर पर रविवार दोपहर दोनों बेटों के अलावा, परिवार के अन्य करीबी सदस्य व रिश्तेदार काफी संख्या में पहुंच गए। दोनों आरोपियों को एक कमरे में बंद देख उनका गुस्सा सातवें आसमान पर आ गया। कुछ महिलाओं व युवकों ने आरोपियों की चप्पलों से पिटाई कर दी। इस दौरान मौजूद सीओ प्रथम राघवेंद्र सिंह
व इंस्पेक्टर देहली गेट ने जैसे तैसे भीड़ को कमरे से बाहर निकाला। दोनों आरोपियों को कमरे में कैद किया।
सीसीटीवी फुटेज बने पुलिस के लिए मुखबिर
महानगर में लगे स्मार्ट कैमरे एक बार फिर सनसनीखेज वारदात के खुलासे में पुलिस के मुखबिर के रूप में काम आए हैं। इस घटना के खुलासे में जुटी पुलिस टीमें दो दिन तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। तीसरे दिन एक सीसीटीवी फुटेज में टिर्री से उतरते दो संदिग्ध कैद पाए गए। उनमें से एक अपना चेहरा छिपाने की कोशिश कर रहा था। इसी बात पर पुलिस ने उसे संदेह के दायरे में रखा। हालांकि, परिवार का कोई सदस्य अंधेरे के सीसीटीवी फुटेज होने के कारण उसे
पहचान न सका। मगर पुलिस ने उस संदेह पर काम करते हुए सीसीटीवी का पीछा किया और 400 से ज्यादा सीसीटीवी देखते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई।
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