*संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर*
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं .........
        " विश्वविजयिनी नारी है " 
वन-उपवन की फुलवारी है। 
धरती  पर सबसे  प्यारी  है।
           वह विश्वविजयिनी नारी है।। 
ममता है जिसके आंचल से।
सृष्टि  है  जिसके  सम्बल से।
स्वागत है उसका करतल से।
सर्वथा  समर्पित  सुंदरता, 
वह  गोरी  है  ना  कारी  है।।वह विश्वविजयिनी नारी है।।

इतिहास वही विश्वास वही।
उल्लास वही परिहास वही।
वह  वसुंधरा आकाश वही।  
उसका मन प्यार भरा सागर,
वह  शक्ति - प्रेम  संचारी है।। वह विश्वविजयिनी नारी है।।

वह पुष्प सरीखी सुंदर है।
उससे श्रृंगार  वही  घर है। 
सीता तुमसे ही रघुवर  हैं।
वह बलशाली गौरवशाली, 
उससे मानवता न्यारी है।। वह विश्वविजयिनी नारी है।।

हां उमा - महेश्वर संसारी।
राधा से गिरिधर बनवारी। 
मर्यादा की  है अधिकारी।
तीनों लोकों में सर्वश्रेष्ठ,
माँ का पद सबसे भारी है।। वह विश्वविजयिनी नारी है।।
                                                                 " अनंग "

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