राबर्ट्सगंज से विधायक भूपेश चौबे ने जब मंच पर खड़े होकर कार्यकर्ताओं के सामने कान पकड़कर उठक-बैठक किया तो हंगामा मच गया। सोशल मीडिया में वायरल हुए इस वीडियो की देश स्तर पर चर्चा हुई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य विपक्षी दलों ने इसे लेकर भाजपा विधायकों पर खूब निशाना साधा। इसी के बाद तेल मालिश का वीडियो आने के बाद पार्टी की खूब किरकिरी हुईडैमेज कंट्रोल करते हुए भाजपा के रणनीतिकारों ने इसे विधायक की सरलता से जोड़ दिया। जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक जगह-जगह इस चर्चा को हवा दी गई कि विधायक काफी सरल हैं। विधायक होकर भी भला कोई मंच से इस तरह माफी मांगता है क्या? जोर-शोर से प्रचारित इन बातों का जनता पर असर हुआ। लिहाजा जो वर्ग पहले विधायक से नाराज थे उनका भी मिजाज बदलने लगा। रही-सही कसर पीएम मोदी की सभा ने पूरी की।इसके अलावा बसपा से ब्राह्मण मतों में बिखराव को रोकने के लिए पार्टी के बड़े ब्राह्मण नेताओं को इसी क्षेत्र में लगाया गया। चतरा और नगवां में जो ब्राह्मण मतदाता विधायक से नाराज थे, उनमें अंतिम समय में यह संदेश दिया गया कि अगर वह भाजपा के साथ नहीं आए तो सपा जीत जाएगी। कोन में स्थानीय होने के मुद्दे को उठाया गया। नतीजा बसपा कमजोर होती गई और इसका लाभ भाजपा को मिला।

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