*संतोष कुमार श्रीवास्तव , अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर*
"आंख में आंख 
     अपने आंसू , संभाल कर रखना।
     आंख में आंख ,डाल कर रखना।।
हर जगह रखते, नहीं सब बातें। 
रखना पर, देखभाल कर रखना।।1।।
मुफलिसी और न, बढ़ जाए कहीं। 
अपने बटुए , संभाल कर रखना ।।2।।
अपना दुश्मन,बहुत ही शातिर है। 
तुम  लहू को , उबालकर  रखना।।3।। 
होश खो जाता,बिन पिए भी कभी।
अपनी खुशियां,संभाल कर रखना।।4।।
तेरी  खुशबू  है , मेरी  सांसों में ।
छोड़ दो अब,सवाल पर रखना।।5।। 
ये जो बच्चे,हैं अमानत कल के।
इनको सांचे में ,ढाल कर रखना।।6।।
धर्म  खतरे  में,कभी पड़ता नहीं।
अपनी नीयत,संभाल कर रखना।।7।। 
मैल तो मन  के  निकालो , रख  दो।
ठीक नहीं इसको,सालकर रखना।।8।। 
कितना  सुंदर  है , नेक दिल तेरा।
जब भी आऊं,संभाल कर रखना।।9।।..................."अनंग "

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