*आवारा पशु किसानों के लिए बने सिरदर्द, छुट्टा मवेशियों की फौजे बर्बाद कर रही फसलें, किसान हो रहे परेशान।*

*मिल्कीपुर/अयोध्या।*


आवारा मवेशी किसानों को लिए सिरदर्द बन गए हैं। गाय, बैल आदि पशु फसलों को चर रहे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही अवैध बूचड़खाने बंद कराने के एलान के साथ ही गोवंश के वध पर सख्त कानून जारी किया था।

योगी जी पहले से ही कट्टर हिन्दूवादी और फायर ब्रांड नेता के रूप में जाने जाते थे और आज भी जाने जा रहे हैं, लिहाजा मुख्यमंत्री के फरमान पर बिना दिमाग लगाए सरकारी मशीनरी ने गाय-बछड़ों के ट्रकों के पहिए जाम कर दिए। गोरक्षकों ने भी खूब तांडव मचाया था। इसका खामियाजा अब सामने खड़ा है।

छुट्टा पशु अब किसान के हरे भरे खेतों में तांडव कर रहे हैं। इससे किसानों की फसल तबाह हो रही हैं। मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के अमानीगंज विकासखंड के रामनगर अमावा सूफी गांव के किसान गिरजा प्रसाद शुक्ला का कहना है कि हमारी तीन बीघे गन्ने की खड़ी फसल को छुट्टा जानवर पूरी तरह से तहस-नहस कर दिए हैं, इतना ही नहीं 4 बीघे गेहूं की हरी-भरी फसल को चर कर नष्ट कर दिया है।

रातों दिन खेत की रखवाली किया जाता है, लेकिन मौका पाते ही खेतों में जानवर घुस जाते हैं और फसल को बर्बाद कर दे रहे हैं। गिरजा शुक्ला का कहना है कि भले ही किसानों को किसान सम्मान निधि मिल रही हो, लेकिन मुझको किसान सम्मान निधि भी नहीं मिल रही है, वृद्धा पेंशन मिल रही थी लेकिन वह भी इस सरकार में बंद हो गई है।

मिल्कीपुर विकाासखंड पारा धमथुआ गांव निवासी गयालाल के खेत में छुट्टा जानवर फसल तैयार होने से पहले ही चर गए। वे एक खेत में से जानवरों को भगाते हैं, तो जानवरों का दूसरा दल फसल पर हमला कर देता है। इस लुका-छिपी के खेल में जीत जानवरों की हो रही है। भोलानाथ तिवारी ने कहा कि कोई भी फसल पैदा होने नहीं दे रहे हैं। गेहूं में बालियां आना शुरू हो गई है छुट्टा जानवर चर ही ले रहे हैं तो घर अनाज कैसे जाएगा।

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