समुद्र से जुड़े किन-किन बिंदुओं की जानकारी मिल सकती है। इस क्षेत्र में भविष्य क्या है। इन सब गूढ़ रहस्यों की जानकारी अब बीएचयू में मिल सकेगी। यहां भू भौतिकी विभाग की ओर से स्नातकोत्तर स्तर पर एमएससी इन ओशियनोग्रॉफी कोर्स शुरू किया जा रहा है। बीएचयू देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां इस कोर्स की पढ़ाई कराई जाएगी। अगले सत्र से इस नए पाठयक्रम में दाखिले की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।
समुद्र विज्ञान यह भू विज्ञान की ऐसी शाखा है, इसके माध्यम से समुद्र से जुड़े बिंदुओं का अध्ययन किया जाता है। इसमें समुद्र, तटीय क्षेत्र, तटीय जल, समुद्री जीवों, समुद्री धाराओं, तरंगों, भू भौतिकीय तरलगतिकी सहित कई विषयों का अध्ययन होता है। यहां से एमएससी करने के बाद छात्र देश के विभिन्न संस्थानों से जुड़कर इस विषय पर शोध भी कर सकते हैं। बीएचयू विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी के निर्देशन में तैयार इस नए कोर्स के संचालन के लिए भू भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजीव भाटला को समन्वयक बनाया गया है। कोर्स का नाम- एमएससी इन ओशियनोग्राफी
निर्धारित सीट- 20 सीट
समयावधि- दो वर्ष
प्रवेश के लिए अर्हता- बीएससी
समुद्र विज्ञान यह भू विज्ञान की ऐसी शाखा है, इसके माध्यम से समुद्र से जुड़े बिंदुओं का अध्ययन किया जाता है। इसमें समुद्र, तटीय क्षेत्र, तटीय जल, समुद्री जीवों, समुद्री धाराओं, तरंगों, भू भौतिकीय तरलगतिकी सहित कई विषयों का अध्ययन होता है। यहां से एमएससी करने के बाद छात्र देश के विभिन्न संस्थानों से जुड़कर इस विषय पर शोध भी कर सकते हैं। बीएचयू विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी के निर्देशन में तैयार इस नए कोर्स के संचालन के लिए भू भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजीव भाटला को समन्वयक बनाया गया है। कोर्स का नाम- एमएससी इन ओशियनोग्राफी
निर्धारित सीट- 20 सीट
समयावधि- दो वर्ष
प्रवेश के लिए अर्हता- बीएससी
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