उतरौला (बलरामपुर) क्षेत्र में आवारा पशु लोगों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं।राह चलते कब, कहां और कौन इनके कारण चोट खा जाए नहीं कहा जा सकता। बुजुर्गो, बच्चों व दो पहिया वाहन चालकों के सबसे बड़ा खतरा आवारा पशु बन चुके हैं।
खेतों में खड़ी फसलों को मवेशियों का झुंड पहुंचकर नष्ट कर देते हैं खेती किसानी के लिए समस्या बने छुट्टा जानवरों पर अंकुश लगाने के बजाय जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं।
सड़क हादसों व रोड जाम की वजह भी छुट्टा जानवर बन रहे हैं।शहर में अस्पताल रोड, मनकापुर मार्ग पर मधपुर पुल के पास, गोंडा मार्ग पर फक्कड़ दास चौराहे के निकट, डुमरियागंज मार्ग पर बक्सरिया से पिपरा राम व महुवा बाजार के पास, बलरामपुर मार्ग पर श्रीदत्तगंज बाईपास पर आवारा मवेशियों का झुंड कभी भी देखा जा सकता है। जहां सड़क के बीचों बीच मवेशी एकत्र रहते हैं । ऐसे में ये कई बार सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। मवेशियों के अचानक सामने आ जाने के कारण वाहन चालक अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और फिर दुर्घटना होते देर नहीं लगती।
*हर दिन आवारा पशु भी हो रहे हैं चोटहिल*
पिछले तीन माह में आधा दर्जन से अधिक छुट्टा पशु वाहन दुर्घटना में घायल हो चुके हैं।स्थाई प्रबंध न होने के कारण यह पशु दुर्घटना का शिकार होने के बाद जिन्दगी मौत से जूझ रहे हैं।
*रात में किसान जागकर कर रहे हैं खेतों की निगरानी*
अपने गाढ़ी कमाई से तैयार की गई धान की फसल को किसान रतजगा कर बचा रहे हैं शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार इस ओर सुध नहीं ले रहे हैं तेजी से बढ़ते छुट्टा जानवरों का झुंड किसानों व आम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनते जा रहे हैं।
शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों का कब्जा होने के पीछे पशु पालक भी जिम्मेदार हैं जो मवेशियों से हित साधने के बाद इन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए इस तरह छोड़ दिया जाता है जैसे उन मवेशियों से उनका कोई नाता न हो।
असग़र अली
उतरौला
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