कैंट से गोदौलिया के बीच प्रस्तावित रोपवे परियोजना पर बुधवार को अंतिम मुहर लगेगी। प्रदेश के सबसे लंबे रोपवे रूट के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इसके लिए रोपवे निर्माण की एक्सपर्ट कंपनी वैपकास के अधिकारी मंगलवार को वाराणसी पहुंच गए हैं। अधिकारियों के दल ने प्रस्तावित रोपवे रूट्स का सर्वे कर मौका मुआयना भी किया।
पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में विकसित हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। प्रदेश सरकार की ओर से कैंट से गोदौलिया के बीच रोपवे परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद अब उसे धरातल पर उतारने की कवायद शुरू की गई है।बुधवार को वैपकास कंपनी की ओर से पूरी परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इसमें परियोजना के निर्माण से लेकर उसके संचालन तक की पूरी व्यवस्था का जिक्र होगा। यहां बता दें कि पांच किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर खर्च होने वाले 424 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। कैंट और गोदौलिया के बीच साजन तिराहा व रथयात्रा भी इसके स्टेशन होंगे। इस परियोजना से प्रतिदिन 10 से 25 हजार यात्रियों को राहत की उम्मीद है।
पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में विकसित हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। प्रदेश सरकार की ओर से कैंट से गोदौलिया के बीच रोपवे परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद अब उसे धरातल पर उतारने की कवायद शुरू की गई है।बुधवार को वैपकास कंपनी की ओर से पूरी परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इसमें परियोजना के निर्माण से लेकर उसके संचालन तक की पूरी व्यवस्था का जिक्र होगा। यहां बता दें कि पांच किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर खर्च होने वाले 424 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। कैंट और गोदौलिया के बीच साजन तिराहा व रथयात्रा भी इसके स्टेशन होंगे। इस परियोजना से प्रतिदिन 10 से 25 हजार यात्रियों को राहत की उम्मीद है।
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