गंगा और यमुना नदियों के बाढ़ का पानी पिछले दिनों मंदिर में घुस गया था। पूजन-अर्चन के बाद मंदिर का कपाट बंद कर दिया गया था। दूर-दूर से प्रयागराज आने वाले भक्‍त दर्शन न कर पाने से मायूस भी हुए थे प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर बढऩे पर पांच अगस्त को त्रिवेणी बांध स्थित लेटे (बड़े) हनुमान मंदिर में गंगा-यमुना का पानी पहुंच गया था। इसके बाद मंदिर का पट बंद कर दिया गया था। इसके बाद श्री हनुमान का श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं हो सका था पिछले दो-तीन दिनों से गंगा-यमुना नदियों का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। ऐसे में लेटे हनुमान मंदिर से बाढ़ का पानी निकल गया। इसके बाद मंदिर परिसर व हनुमान जी की प्रतिमा की सोमवार को साफ-सफाई की गई। मंदिर परिसर की सफाई करने के बाद सैनिटाइजेशन किया गया मंगलवार को मंत्रोच्‍चार के बीच श्री हनुमान का अभिषेक, मनोहारी श्रृंगार के साथ पूजन-अर्चन व आरती की गई। जन कल्‍याण के लिए कामना भी की गई। इसके बाद मंदिर का पट भक्तों के लिए खोला गया। हालांकि यहां कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराते हुए भक्‍तों को श्रीहनुमान का दर्शन कराया जाएगा प्रयागराज के लोगों की आस्था है कि हर वर्ष गंगाजी बांध स्थित हनुमान मंदिर तक पहुंचती हैं। श्री हनुमान को स्नान कराने के बाद ही वापस लौटती हैं। हालांकि इस बार दो वर्ष बाद गंगा नदी का पानी हनुमान मंदिर परिसर तक पहुंचा। यह भी कहा जाता है कि जिस वर्ष गंगाजी हनुमान जी को स्नान कराती हैं, सब कुछ यहां के लिए शुभ ही होता है। इससे इस बार प्रयागराज में कोरोना के खात्मे की भी उम्मीद जताई जा रही है 

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