सभी मदरसों, सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों पर झंडारोहण हुआ। इसके बाद तमाम गोष्ठी के माध्यम से, आजादी0 की लड़ाई पर प्रकाश डालते हुए, आजादी के महत्व समझते हुए, इसको बनाए रखने का आवाह्न किया गया।
एसआर ग्रुप के चेयरमैन व प्रधान प्रतिनिधि करीम अहमद ने एसआर कार्यालय पर झंडारोहण किया। तथा स्वतंत्रता दिवस की खुशी में इलाकाई लोगों व बच्चों में मिठाई वितरित किया।
इसी क्रम में उतरौला के गांधी पार्क में लोकप्रिय समाजसेवी महफूज गनी, आदिल हुसैन, एवं पंकज वर्मा ने झंडारोहण किया। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं के साथ उपस्थित सभी लोगों ने राष्ट्रगान गाकर तिरंगे को सलामी दी।
इसके बाद उपस्थित लोगों ने गांधी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए माल्यार्पण किया।
समाजसेवी महफूज गनी ने कहा कि ये आजादी हमें यूं ही नहीं मिली है। इसके लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी लोगों ने वर्षों तक संघर्ष किया। हजारों, हजार लोगों ने आजादी के जंग में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। तमाम त्याग बलिदान के बाद आजाद हिंदुस्तान का सपना साकार हो सका। आज भी अखंड भारत को खंडित करने के लिए तमाम विदेशी ताकतें हमको धर्म, जाति, मजहब के नाम पर बांटने का काम कर रही हैं। लेकिन हमें गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखते हुए आपसी भाईचारा, प्रेम और सौहार्द को बनाए रखना है। क्योंकि हम सब पहले हिंदुस्तानी हैं।
उतरौला विकास मंच अध्यक्ष आदिल हुसैन ने भी जंगे आजादी पर विस्तार से प्रकाश डाला।
अंत में समाजसेवी महफूज गनी और आदिल हुसैन ने दर्जनों लोगों को मुफ्त मास्क वितरित करते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की।इसी क्रम में उपजिलाधिकारी नागेन्द्र नाथ यादव की अगुवाई में तहसील परिसर में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने झंडा रोहण किया गया। खंड विकास अधिकारी कार्यालय पर बीडीओ की अगुवाई में झंडा रोहण किया गया। नगरपालिका परिषद उतरौला में अधिशाषी अधिकारी अवधेश वर्मा के नेतृत्व में पालिका कर्मियों ने झंडा रोहण किया।इसी तरह नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जूनियर माध्यमिक व परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा झंडा रोहण किया गया।
इस दौरान इफहाम उतरौलवी, मास्टर इफ्तिखार खान, अकबर, विजय कुमार, मोहम्मद आजाद, मोहम्मद जकी, सलीम, कुलदीप गुप्ता, जगदीश प्रसाद, मोहम्मद रफीक, रिजवान, आकाश मोदनवाल,पप्पू, छोटू, रेहान रिजवी, शमीम रिजवी, उस्मान रायनी, पप्पू शाह अनमोल गुप्ता, आमिर हुसैन समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
असग़र अली
उतरौला
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