अम्बेडकर नगर अब तो बहुजन समाज को ही तय करना है कि मान्यवर कांशीराम द्वारा बनी पार्टी बीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने
बहुजन हिताय - बहुजन सुखाय को सर्वजन हिताय - सर्वजन सुखाय में बदलकर बहुजन विचार-धारा को बदलकर बहुजन समाज को गर्त्त की तरफ ढकेल दिया। किसको फायदा पहुंचने वाला है ! जहां मिशन का उददेश्य ही बदल जाये वहां समाज का कितना भला होगा ये तो समाज ही तय करें !आपको बता दें कि एड.चंद्रशेखर आज़ाद जी ने दूसरी तरफ बाबा साहब व मान्यवर कांशीराम की सौगंन्ध खाकर एक सरफिरा सा नौजवान बहुजन नायक जिसने पूरे भारत में मूवमेंट में जान डाल कर बहुजन मूवमेंट को फिर से खडा़ कर दिया है और मान्यवर कांशीराम जी के नारा "बहुजन हिताय" - "बहुजन सुखाय" को चरिर्तार्थ करने के लिये सभी मनुवादी ताकतों से अकेले लड़ते हुये आगे बढ़ता चल रहा है और अब देखना ये है कि भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी (कांशीराम)जिस समाज के लिये संघंर्ष करते हुये जान हथेली पर रख बहुजन समाज की तरक्की व न्याय दिलाना चाह रहे है वह समाज कितना साथ देता है !यही नहीं केवल विपक्षी पार्टियां दूसरों की चमचा गिरी कर गलत बातों का प्रचार कर बाबा साहब के मूवमेंट को नुकसान पहुंचा रहे है !
बहुजन समाज को अपने विवेक से फैसला लेना है कि आज कौन बहुजन समाज के सम्मान के लिये सड़क से जेल तक लड़ रहा है ! अभी भी समय है बहुजन समाज संगठित होकर भीम आर्मी प्रमुख व आजाद समाज पा्र्टी के अध्यक्ष माननीय चन्द्रशेखर आजाद का आगे आकर खुलकर साथ दे क्योंकि जन्मों में कोई ऐसा बहुजन नायक पैदा होता है ये कहना गलत ना होगा कि मान्यवर कांशीराम के बाद भारत में माननीय एड0 चन्द्रशेखर आजाद के दिल में बहुजन समाज का दर्द है जैसे मान्यवर कांशीराम जी के दिल में था और भारत भर के बहुजन समाज को एक जुट कर सम्मान दिलाने का काम किया था !
इसलिये समाज अब सही फैसला ले कि किसके हाथो में बहुजन समाज का हित व सम्मान सुरक्षित है।
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