जनपद बहराइच....

*चिकित्सक की लापरवाही से हुई प्रसूता की मौत*

*आपरेशन के दौरान पेट में छोड़ दिया मांस का टुकड़ा परिजनों ने लगाया चिकित्सक पर आरोप कहा लापरवाही से गई है मेरी बहन की जान*

*एसपी को शिकायत पत्र सौंपकर मुकदमा दर्ज की मांग*


बहराइच। चिकित्सक की लापरवाही से किए गए आपरेशन के चलते प्रसूता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि आपरेशन के दौरान ठीक ढ़ग से सफाई न करने के चलते पेेट में मांस का टुकड़ा रह गया। जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ गई और लखनऊ में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले में परिजनों ने एसपी को शिकायत सौंपकर दोषी चिकित्सक के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। थाना पयागपुर अन्तर्गत शंभू टिकरी निवासी ओंकारनाथ शुक्ला पुत्र राम सुहावन शुक्ला के मुताबिक उनकी बहन प्रियंका पाण्डेय पत्नी प्रमोद पाण्डेय निवासी विशेश्वरगंज को प्रसव पीड़ा के चलते बीते 3 दिसम्बर को जिला चिकित्सालय के सामने स्थित छाया मैटरनिटी होम एण्ड हार्ट क्लीनिक की चिकित्सक डा.छाया श्रीवास्तव को दिखाया। जिस पर ओंकार के मुताबिक चिकित्सक ने बताया कि आपरेशन के बाद बच्चा पैदा होगा। जांच रिपोर्ट के बाद आपरेशन के पैसे भी जमा कर दिए गए। ओंकार का आरोप है कि चिकित्सक ने आपरेशन के दौरान मांस का टुकड़ा पेट में छोड़ दिया और टांका लगा दिया। जिसके बाद उनकी बहन उन्हीं के अस्पताल में कमरा नं. 3 में भर्ती रही। आपरेशन के दौरान 8 यूनिट शरीर में खून था। नियमतः 10 यूनिट खून की जरूरत होती है पर डाक्टर ने खून भी नहीं चढ़ाया और न ही अल्ट्रासाउण्ड कराया। उनकी बहन प्रियंका का गुर्दा सूख गया और पेशाब आना बंद हो गया। हालत बिगड़ने पर 5 दिसम्बर को केजीएमसी लखनऊ रिफर कर दिया। जहां अल्ट्रासाउण्ड के बाद चिकित्सकों ने बताया कि पेट में मांस का टुकड़ा रहने से इनफेक्शन पैदा हो गया। हालत बिगड़ने पर डाक्टरों ने 7 दिसम्बर को डायलेसिस कर खून चढ़ाया व बेहोशी हालत मंेे होने पर 13 दिसम्बर को वेन्टीलेटर पर रखा। बावजूद इसके  15 दिसम्बर को उनकी बहन की 4 बजे मौत हो गई। ओंकार ने बताया कि उनकी बहन के 14 दिन का एक बच्चा व 02 वर्ष की बेटी है। बहन की मौत होने के चलते उन बच्चों की परवरिस करने वाला कोई नहीं है। ऐसे में डाक्टर की लापरवाही के चलते उनकी बहन की मौत हुई है। मामले में दोषी डाक्टर के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाये। जिसे उन्हें न्याय मिल


बहराइच ब्यूरो रामकुमार यादव की रिपोर्ट।

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