*बदइंतजामी को लेकर दिल्ली सरकार को HC की फटकार, मांगी स्टेटस रिपोट*
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि आपने अब तक जो प्रयास किये है, वो नाकाफी है. ये प्रयास बहुत देर से शुरू किए गए. शादी समारोहों में आपने 200 लोगों तक को एक साथ इकट्ठा होने की इजाजत दे दी, जबकि कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा था.दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आपने (दिल्ली सरकार) कल आदेश जारी किया है कि शादी समारोह में अब यह संख्या 200 से घटाकर 50 की जा रही है. कोर्ट ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए आपके प्रयास तब शुरू हुए. जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई.
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मामले में एक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है, जिसमें यह बताया जाए कि आईसीयू बेड को बढ़ाने के लिए अब तक क्या किया गया है. दिल्ली सरकार को रिपोर्ट दायर कर कोर्ट को यह भी बताना होगा कि उसने ऐसे लोगों के लिए क्या व्यवस्थाएं कर रखी हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार के अब तक के प्रयासों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि क्या आपको अंदाजा है कि शमशान गृह में रात को भी शवों को जलाया जा रहा है, स्थिति बहुत भयावह है, लिहाजा आपको इसको नियंत्रण में लाने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन 33 निजी अस्पतालों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डाले और उसका प्रचार करे, जिन्हें 80% ICU बेड कोविड के मरीजों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है, जिससे जरूरत के वक्त लोगों को इसके लिए परेशान न होना पड़े.दिल्ली सरकार से जब कोर्ट ने पूछा कि क्या कोविड के मरीजों को लेकर अस्पतालों में बेड पर्याप्त है तो दिल्ली सरकार ने बताया कि उनके पास बेड की पूरी व्यवस्था है, लेकिन फिलहाल ICU बेड की कमी है, केंद्र सरकार ने उनको 750 बेड उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया है कि वह कोरोना के लिए FELUDA टेस्ट को भी कराने पर विचार कर रहे हैं. जब कोर्ट ने पूछा कि आप कोविड के मामलों को रोकने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं तो दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि सार्वजनिक स्थानों में अलग-अलग टीम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए लगाई गई हैं. लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि नियमों का पालन ना करने के लिए अब तक सिर्फ 30 दिनों के भीतर पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को कहा कि हमारे पास नियमों का पालन कराने के लिए इनफोर्सिंग एजेंसी के तौर पर सिर्फ दिल्ली पुलिस ही है. 134 टीम दिल्ली सरकार की तरफ से बनाई गई है.
दिल्ली सरकार ने कोर्ट को कहा कि पटाखों पर बैन लगाने से लेकर सार्वजनिक छठ पूजा तक को रोकने के प्रयास सिर्फ कोरोना के मामलों को लगातार बढ़ने से रोकने के मद्देनजर ही लिए गए हैं, लेकिन कोर्ट दिल्ली सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखा. फिलहाल कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर तक के लिए टाल दी है.!
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