इस अवसर पर परिषदीय, माध्यमिक, उच्च शिक्षण संस्थानों सहित कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें नमन किया गया।
उतरौला के एमवाई उस्मानी, एमजे एक्टिविटी स्कॉलर एकेडमी एच आर ए, भारतीय इंटर कॉलेज, राम तीरथ चौधरी महाविद्यालय आदि शिक्षण संस्थानों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य अबुल हाशिम खान, केके सरोज, असलम शेर खान ,समीर रिजवी, अंसार अहमद खान ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
प्रधानाचार्य रेखा वर्मा ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन दर्शन एवं कार्यों का वर्णन करते हुए उनके स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेने, देशी रियासतों के एकीकरण, किसान आन्दोलन में सरदार की उपाधि पाने आदि पर प्रकाश डाला।
अंसार अहमद खान ने कहा कि देश की छोटी-छोटी रियासतों को समाप्त कर एक अखंड भारत का निमरण करने का पूरा श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है। प्रधानाध्यापक मोहम्मद फिरोज ने कहा कि सरदार पटेल आजाद भारत के शिल्पकार थे।
उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और फौलादी ताकत के बल पर देश की तमाम रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर भारत संघ की स्थापना की। पटेल जैसे राष्ट्रवादी नेता जन्म नहीं अवतार लेते हैं। वर्तमान राजनीति की बिगड़ती सूरत को संवारने के लिए एक बार फिर इस देश को लौह पुरुष जैसे सरदार की जरूरत है।
माध्यमिक उच्च शिक्षण संस्थानों में आए हुए छात्र छात्राओं ने प्रेरक प्रसंग, गीत, कहानी एवं कविता प्रस्तुत किया।
इस दौरान शहनाज बेगम, अंजुम रेहाना बेगम, अनीता मिश्रा, अरविंद यादव, आदि शिक्षक -शिक्षिकाएँ उपस्थित रहे ।
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