प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा, श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग की अध्यक्षता में गठित 21 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी की आज 17वीं ऑनलाइन बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में इस नीतिके क्रियान्वयन के संबंध में विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए 17 वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं, प्रत्येक वर्किंग ग्रुप को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु एक विषय आवंटित किया गया है। प्रत्येक वर्किंग ग्रुप द्वारा स्टीयरिंग कमेटी की ऑनलाइन मीटिंग में अपनी कार्य योजना प्रस्तुत किया जाता है तथा सभी के सुझाव आमंत्रित कर उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।
श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग ने बैठक में कहा कि समस्त वर्किंग ग्रुप यथाशीघ्र अपनी टाइमलाइन उपलब्ध कराएं जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का समय अंतर्गत क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। टाइमलाइन में लघु अवधि, मध्यावधि तथा दीर्घावधि के आधार पर कार्य निर्धारित किए जाने चाहिए। माध्यमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा एवं पॉलिटेक्निक से उच्च शिक्षा में आने वाले छात्रों को ध्यान में रखते हुए एक समिति का गठन किया गया है जो माध्यमिक, पॉलिटेक्निक एवं उच्च शिक्षा के समन्वय को देखेगी। सभी विश्वविद्यालय एवं कॉलेज के एकेडमिक डाटा बैंक हेतु एनआईसी द्वारा एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है। इस पोर्टल पर सभी विश्वविद्यालय एवं कॉलेज अपना डाटा अपलोड करेंगे जिसे एकेडमिक क्रेडिट डाटा बैंक के लिए प्रयोग किया जाएगा। वेब पोर्टल में महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय का कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण एवं प्रोफेसर की जानकारी भी उपलब्ध होगी, जिससे विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय एक दूसरे के इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकें। उन्होंने अपर सचिव, राज्य उच्च शिक्षा परिषद को निर्देशित किया कि यथाशीघ्र पोर्टल पर बनने वाले फॉर्मेट की जानकारी विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों से साझा करें जिससे उनके सुझाव आमंत्रित किए जा सकें और उचित सुझावों को वेब पोर्टल के निर्माण में सम्मिलित किया जा सके। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उच्च शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम निर्धारण के लिए एक समिति का गठन किया गया है, यह समिति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे की अध्यक्षता में तैयार किए गए सामान्य न्यूनतम पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पुनः संयोजित करेगी, जिससे पाठ्यक्रम को सत्र 2021-22 से लागू किया जा सके। पाठ्यक्रम समिति तीन स्तर यथा-राज्य स्तरीय समिति, सुपरवाइजर समिति तथा विषय विशेषज्ञ समितिके स्तर पर कार्य करेगी ।
बैठक में प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए सेक्टर स्किल काउंसिल के पाठ्यक्रमों को जोड़ने का सुझाव दिया तथा उनको व्यावसायिक पाठ्यक्रम से संबंधित बैठकों में आमंत्रित करने का सुझाव दिया। प्रोफेसर हरे कृष्णा ने सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में माइनर पाठ्यक्रम प्रकोष्ठ, को-करिकुलर एक्टिविटी प्रकोष्ठ, ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रकोष्ठ, व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रकोष्ठ, रोजगार प्रकोष्ठ, उद्योग सहभागिता प्रकोष्ठ गठित करने का सुझाव दिया जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know