शायरी अंतर्मन को सुकन देने वाली
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दिल दिल से बड़ी मुश्किल से मिलते हे समर साहिल से बड़ी मुश्किल से मिलते हे मिल तो जाते हे हज़ारों लोग बेवफ़ा पर हमारे जेसे बड़े नसीब से मिलते हे
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दोस्ती के बाद मोहब्बत हो सकती है,
मगर मोहब्बत के बाद दोस्ती नही हों सकती,
क्यूँकि दोस्तों दवा मौत के पहले असर करतीं हे,
बाद में नही ।
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शबनम पत्ती पे गिर जाए,
पत्ती नरम नही होते,
चाहे जितनी भी हो दूरी,
दोस्ती कम नही होती ।
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पास हे नदी दूर हे किनारा,
नम्बर भूल गये या नाम हमारा,
या मिल गया दोस्त हम से भी पियारा !
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मुस्कान सक्सेना
बुलंदशहर, उ. प्र.
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